नैनीताल: Lok sabha election 2024 में नैनीताल लोकसभा सीट से कांग्रेस ने प्रकाश जोशी को जैसे ही अपना उम्मीदवार बनाया, कांग्रेस को एक बड़ा झटका मिला। कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मुख्यमंत्री स्व. एनडी तिवारी के भतीजे दीपक बल्यूटिया ने अपना इस्तीफा दे दिया।
कौन हैं नैनीताल सीट पर कांग्रेस कैंडिडेट प्रकाश जोशी?
प्रकाश जोशी 35 वर्ष से कांग्रेस से जुड़े हैं। कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के करीबी माने जाने वाले प्रकाश जोशी छात्र संगठन NSUI से Youth Congress और फिर एक लंबे अर्से तक कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव तथा अन्य ज़िम्मेदारियों पर काम कर चुके हैं। उत्तराखंड की कालाढूंगी विधानसभा क्षेत्र निवासी कांग्रेस के युवा नेता प्रकाश जोशी, राहुल गांधी के काफी करीबी माने जाते हैं। नैनीताल लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश जोशी, दो बार नैनीताल जिले के कालाढूंगी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। वर्ष 2012 और 2017 में विधानसभा चुनाव लड़ चुके प्रकाश जोशी को दोनों ही बार भारतीय जनता पार्टी के बंशीधर भगत के सामने हार चुके हैं। प्रकाश जोशी के नैनीताल सीट पर नाम फाइनल होते ही कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता दीपक बल्यूटिया ने इस्तीफ़ा दे दिया।
बहुत मेहनत की पर नहीं मिला मौका: दीपक बल्यूटिया
दीपक बल्यूटिया ने उत्तराखण्ड कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा को इस्तीफ़ा भेजा। दीपक बल्यूटिया के इस्तीफे में लिखा मैं कॉंग्रेस के एक वफादार सिपाही होने के नाते 35 वर्षों से लगातार जन सेवा के साथ-साथ जन मुद्दों को उठाता आया हूँ। मैं बेहतर तरीके से समाज की सेवा करना चाहता हूँ। मेरी प्रेरणा रहे उत्तराखण्ड के प्रिय नेता विकास पुरुष स्व. नारायण दत्त तिवारी के आदर्शों में चलकर उनके विकास के साथ-साथ उनकी विरासत को आगे ले जाकर समाज की सेवा करना चाहता रहा हूँ, लेकिन कॉंग्रेस में एक ऐसे विद्यार्थी की तरह महसूस करता हूँ जिसने बहुत मेहनत की पर उसे कभी भी इम्तेहान में नहीं बैठने दिया गया और न प्रतिभा के प्रदर्शन का मौका दिया गया। आगे पढ़िए...
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उत्तराखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ने आगे लिखा है कि मुझे मेरे उन साथियों के लिए बहुत पीढ़ा है जो मेरे साथ निःस्वार्थ भाव से जुड़े हैं और मेरे साथ मिलकर संघर्ष करते आए हैं। मेरा मानना है कि एक संवैधानिक मुकाम में पहुँचकर जनता की बेहतर सेवा की जा सकती है। लेकिन कॉंग्रेस पार्टी द्वारा अवसर देने की बजाय हर समय अनदेखी की गई। जब कोई भी पार्टी का जमीनी कार्यकर्ता जमीन पर पार्टी के लिए काम करता हो और पार्टी के शीर्ष नेता आपके किए संघर्ष व कार्य को सम्मान करने की बजाय आपको नजरंदाज करें तो बहुत पीड़ा होती है। पार्टी में तमाम गतिरोध व मनोबल गिराने के बावजूद निरन्तर कार्य करना आसान नहीं है बावजूद इसके 35 वर्षों से एक कर्मठ कार्यकर्ता व वफादार सिपाही की तरह सेवा करता रहा हूँ। मैं उन सभी शुभ चिंतकों और मेरे संघर्ष की यात्रा में सांथ रहे सांथियों से इस आत्मनिर्णय के लिए तहेदिल से क्षमा चाहता हूँ और विश्वास दिलाता जन मुद्दों के लिए मेरा संघर्ष जारी रहेगा।