उत्तराखंड देहरादूनDehradun Smart City Limited Wins Scotch Award 2024

देहरादून स्मार्ट सिटी ने जीता स्कॉच अवार्ड 2024, जल प्रबंधन प्रणाली के लिए किया गया पुरुस्कृत

देहरादून स्मार्ट सिटी ने देहरादून में जलापूर्ति प्रणाली को सुधारने और स्काडा वाटर एटीएम और वितरण प्रणाली को ठीक करने का काम किया है। इन कार्यों के लिए देहरादून स्मार्ट सिटी को दिल्ली में 13 जुलाई को यह अवार्ड दिया गया।

Scotch Award 2024: Dehradun Smart City Limited Wins Scotch Award 2024
Image: Dehradun Smart City Limited Wins Scotch Award 2024 (Source: Social Media)

देहरादून: यह अवार्ड भारत के लिए बेहतरी की दिशा में योगदान देने वाले संस्थानों, व्यक्तियों या विशेष परियोजनाओं को सम्मानित किया जाने वाला देश का एक विशेष और उच्च स्तरीय पुरस्कार है जिसे 2003 में शुरू किया गया था।

Dehradun Smart City Limited Wins Scotch Award 2024

यह पुरस्कार उन कार्यों को सम्मानित करता है जो डिजिटल, वित्तीय और सामाजिक समावेश के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्रदर्शित करते हैं। स्कॉच अवॉर्ड के प्राप्तकर्ता उद्योग के विशेषज्ञ, विद्वान, तकनीकी विशेषज्ञ, महिला नेता और ग्रासरूट स्तर के कार्यकर्ता शामिल होते हैं। उदाहरण के रूप में देहरादून स्मार्ट सिटी ने अपनी जलापूर्ति और वितरण प्रणाली को सुधारने के लिए स्काडा वॉटर एटीएम पर अवार्ड प्राप्त किया है। इस परियोजना से सालाना करीब 12 करोड़ रुपये की बचत हो रही है और शहर के 16 लाख लोगों को भी पानी की बेहतर सप्लाई मिल रही है।

पहली बार जल उत्पादन में ऊर्जा दक्ष उपकरणों का हुआ उपयोग

इस कार्यक्रम के दौरान देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड की मुख्य कार्यकारी सोनिका जी ने बताया कि देहरादून स्मार्ट सिटी ने पानी के संवर्धन परियोजनाओं में अनेक उपक्रमों को सम्मिलित किया है। उनमें वाटर मीटर लगाना, स्कॉडा स्मार्टवाटर मैनेजमेंट और वाटर सप्लाई ऑग्व्यूमेटेंशन शामिल हैं। ये परियोजनाएं पानी के उत्पादन, वितरण और उपलब्धता को मॉडर्न उपकरणों के माध्यम से बेहतर बनाने के लिए नवीन प्रणालियों का अनुप्रयोग करती हैं। इस विशेष प्रयास के लिए देहरादून स्मार्ट सिटी को राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार प्राप्त हुआ है। स्मार्ट सिटी के तहत शुरू हुई परियोजनाओं के माध्यम से शहर में पेयजल की उपलब्धता को सुधारने और अपव्ययता को कुशल रूप से प्रबंधित करने के लिए कार्य किया गया है। इनसे प्रदेश में पहली बार जल उत्पादन में ऊर्जा दक्ष उपकरणों का उपयोग किया गया है, जिससे ऊर्जा बचत हो रही है और सरकारी व्यय में भी कमी आई है।