उत्तराखंड देहरादूनUttarakhand Chardham Yatra 2025

Chardham Yatra: चार दिनों में 1.9 लाख यात्रियों ने किए चारधाम दर्शन, पर्यटन मंत्री ने बताई खास बातें

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने यात्रियों से स्थानीय अधिकारियों के साथ सहयोग करने और अपनी यात्रा के दौरान स्वास्थ्य संबंधी सावधानियों को प्राथमिकता देने की अपील की...

Chardham Yatra 2025: Uttarakhand Chardham Yatra 2025
Image: Uttarakhand Chardham Yatra 2025 (Source: Social Media)

देहरादून: चारधाम यात्रा शुरू होने के कुछ ही दिनों के भीतर ही हजारों श्रद्धालु धामों में दर्शन करने के पहुँच चुके हैं. चारधाम यात्रा को लेकर श्रदालुओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा हैं. अब तक 189,212 तीर्थयात्री चारों धामों में दर्शन कर चुके हैं।

Uttarakhand Chardham Yatra 2025

चारधाम यात्रा के लिए श्रदालुओं में उत्साह नजर आ रहा है, कुछ ही दिन में कुल 189,212 तीर्थयात्री चारधाम कर चुके हैं. इनमें से 79,699 तीर्थयात्री केदारनाथ, बदरीनाथ धाम में 23580, यमुनोत्री में 48,194 और गंगोत्री धाम में 37,739 ने तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। जीएमवीएन गेस्ट हाउसों ने पहले ही 11.84 करोड़ रुपये की बुकिंग कर ली है, जो देश के विभिन्न हिस्सों से आने वाले श्रद्धालुओं की बड़ी संख्या को दर्शाता है।

स्वास्थ्य संबंधी सावधानियां

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने यात्रियों से स्थानीय अधिकारियों के साथ सहयोग करने और अपनी यात्रा के दौरान स्वास्थ्य संबंधी सावधानियों को प्राथमिकता देने की अपील की। उन्होंने ने स्थानीय निवासियों तथा अधिकारियों से अनुरोध किया कि वे 'अतिथि देवो भव' की भावना के अनुसार श्रद्धालुओं का गर्मजोशी और सम्मान के साथ स्वागत करें। उन्होंने यात्रियों से विशेष आग्रह किया है कि उच्च हिमालयी क्षेत्रों में ऑक्सीजन की कमी के कारण स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए आवश्यक दवाएं और उपकरण साथ रखें।

24.38 लाख यात्रा पंजीकरण

सतपाल महाराज ने बद्री-केदार मंदिर समिति के नए अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती और विजय कपरवान को बधाई देते हुए, पवित्र स्थलों की देखरेख में उनकी भूमिका में सफलता की कामना की। 30 अप्रैल 2025 से प्रारंभ हुई यात्रा के पंजीकरण के तहत अभी तक 24.38 लाख यात्री अपना पंजीकरण करा चुके हैं। जबकि डेढ़ लाख से अधिक श्रद्धालु धामों में दर्शन कर चुके हैं। उम्मीद है कि जैसे-जैसे मौसम में सुधार होगा, तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि होगी। अधिकारी मौसम की स्थिति पर ध्यान दे रहे हैं, ताकि तीर्थयात्रियों को समय पर सलाह और मार्ग की जानकारी मिल सके, जिससे ऊंचाई वाले तीर्थस्थलों पर यात्रा सुचारू बनी रहे।