उत्तराखंड चमोलीHeavy Rains in Chamoli Flood Like Condition in Tharali Pindar River

Uttarakhand News: थराली में दिखा पिंडर नदी का रौद्र रूप, घरों में घुसा पानी... बाढ़ जैसे हुए हालत

लगातार हो रही बारिश के बाद पिंडर नदी उफान पर है, जिससे स्थानीय लोग भयभीत हैं। नदी के तेज बहाव ने इलाके में खतरे की स्थिति पैदा कर दी है।

Tharali Pindar River: Heavy Rains in Chamoli Flood Like Condition in Tharali Pindar River
Image: Heavy Rains in Chamoli Flood Like Condition in Tharali Pindar River (Source: Social Media)

चमोली: मूसलाधार बारिश के चलते नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, जिससे पिंडर घाटी का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। पिंडर नदी ने भी उफान पर आकर भयावह रूप धारण कर लिया है।

Heavy Rains in Chamoli Flood Like Condition in Tharali Pindar River

उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में हो रही लगातार बारिश ने नदियों और नालों को उफान पर ला दिया है। थराली क्षेत्र में पिंडर नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने के कारण स्थानीय व्यापारी और निवासी चिंतित हो गए हैं। नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि के चलते कुछ आवासीय इलाकों में पानी घुस गया है, जिससे जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है। चमोली जनपद में पिछले तीन दिनों से जारी भारी बारिश के कारण पिंडर और अलकनंदा नदियाँ उफान पर हैं, जिससे सड़कों और हाईवे पर भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं। कई जगहों पर राष्ट्रीय और ग्रामीण मार्ग अवरुद्ध हो चुके हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। लोग अपने घरों में कैद हो गए हैं और बारिश से बचने का प्रयास कर रहे हैं।

पिंडर नदी के उफान से बाढ़ जैसे हालात

लगातार बारिश के कारण थराली में स्थिति गंभीर हो गई है, जहां पिंडर नदी का पानी सरस्वती शिशु मंदिर, पिंडर पब्लिक स्कूल और बेतालेश्वर मंदिर तक घुस गया है, जिससे बाढ़ जैसे हालात पैदा हो गए हैं। नदी किनारे बने पांच से अधिक घरों के भूतल में भी पानी भर गया, जिससे स्थानीय लोग काफी परेशान हैं। वहीं कर्णप्रयाग में भी पिंडर और अलकनंदा नदियाँ उफान पर हैं, जिससे आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लोग पूरी रात जागते रहे। शुक्रवार शाम करीब पांच बजे बारिश रुकने से लोगों ने थोड़ी राहत महसूस की, लेकिन नारायणबगड़ के चोपता और परखाल में बारिश के कारण संपर्क मार्ग और सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गईं। मलबे के कारण किसानों की फसलें बर्बाद हो गईं, जबकि आदिबदरी में पानी की आपूर्ति भी शाम तक बाधित रही।