उत्तराखंड देहरादूनSupreme Court banned Bulldozer action across the country

बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, अधिकारी से वसूली जाएगी लागत.. 2 मिनट में पढ़िए आदेश

बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने देशभर में रोक लगा दी है, अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रशासन को स्वयं जज नहीं बनना चाहिए, साथ ही जारी किए ये निर्देश..

Bulldozer Action Banned: Supreme Court banned Bulldozer action across the country
Image: Supreme Court banned Bulldozer action across the country (Source: Social Media)

देहरादून: सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश देते हुए इस मामले पर सख्त टिप्पणी की ISC ने बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा दी है। SC का यह आदेश किसी एक राज्य के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए है। किसी का घर सिर्फ इस आधार पर नहीं तोड़ा जा सकता कि वह किसी आपराधिक मामले में दोषी या आरोपी है.. सुप्रीम कोर्ट ने कहा हमारा आदेश है कि ऐसे प्राधिकार कानून को ताक पर रखकर बुलडोजर एक्शन जैसी कार्रवाई नहीं कर सकते।

Supreme Court banned Bulldozer action across the country

प्रशासन जज नहीं बन सकता। नोटिस की जानकारी जिलाधिकारी (DM) को दी जाए। अवैध निर्माण हटाने का मौका देना चाहिए। किसी भी परिवार के लिए घर सपने की तरह होता है। किसी का घर उसकी अंतिम सुरक्षा होती है। किसी का घर छीनना मौलिक अधिकार का हनन है। बुलडोजर एक्शन, कानून न होने का भय दिखता है। अधिकारी मनमानी तरीके से काम नहीं कर सकते - सुप्रीम कोर्ट

अधिकारियों को ठहराया जाएगा उत्तरदायी

कोर्ट ने कहा कि सभी निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए। इन निर्देशों का पालन न करने पर अवमानना ​​और अभियोजन की कार्रवाई की जाएगी और अधिकारियों को मुआवजे के साथ ध्वस्त संपत्ति को अपनी लागत पर वापस करने के लिए उत्तरदायी ठहराया जाएगा। सभी मुख्य सचिवों को निर्देश दिए जाने चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर जारी किए ये निर्देश

1. यदि ध्वस्तीकरण का आदेश पारित है, तो आदेश के विरुद्ध अपील करने के लिए दिया जाना चाहिए समय
2. बिना अपील ध्वस्तीकरण के बाद महिलाओं और बच्चों को रात भर सड़कों पर देखना सुखद तस्वीर नहीं
3. सड़क, नदी तट आदि पर हुए अवैध निर्माण प्रभावित न करने के निर्देश
4. ध्वस्तीकरण बिना कारण बताओ नोटिस के नहीं
5. मालिक को पंजीकृत डाक द्वारा नोटिस भेजा जाएगा और निर्माण के बाहर चिपकाया जाए
6. नोटिस से 15 दिनों का समय नोटिस तामील होने के बाद है
7. तामील होने के बाद कलेक्टर और जिला मजिस्ट्रेट द्वारा सूचना भेजी जाए
8. कलेक्टर और डीएम नगरपालिका भवनों के ध्वस्तीकरण आदि के प्रभारी नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे
9. नोटिस में उल्लंघन की प्रकृति, निजी सुनवाई की तिथि और किसके समक्ष सुनवाई तय की गई है, निर्दिष्ट डिजिटल पोर्टल उपलब्ध कराया जाएगा, जहां नोटिस और उसमें पारित आदेश का विवरण उपलब्ध होगा
10. प्राधिकरण व्यक्तिगत सुनवाई सुनेगा और मिनटों को रिकॉर्ड किया जाएगा और उसके बाद अंतिम आदेश पारित किया जाएगा
11. आदेश डिजिटल पोर्टल पर प्रदर्शित किया जाएगा
12. आदेश के 15 दिनों के भीतर मालिक को अनधिकृत संरचना को ध्वस्त करने या हटाने का अवसर दिया जाएगा
13. विध्वंस के चरण होंगे
14. विध्वंस की कार्यवाही की वीडियोग्राफी की जाएगी वीडियो को संरक्षित किया जाएगा
15. विध्वंस रिपोर्ट नगर आयुक्त को भेजी जाएगी।