उत्तराखंड देहरादूनNational Education Policy New time table in Uttarakhand

उत्तराखंड: सालभर एक समय पर खुलेंगे स्कूल, छुट्टियों में भी बदलाव.. शिक्षा विभाग का नया टाइम टेबल

उत्तराखंड शिक्षा विभाग ने स्कूलों के टाइम टेबल का नया खाका तैयार किया है। दरअसल, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार उत्तराखंड के सभी स्कूलों में पढ़ाई के साथ ही छुट्टियों को भी एक समान किया जा रहा है।

School time Change: National Education Policy New time table in Uttarakhand
Image: National Education Policy New time table in Uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड के सभी स्कूलों में कक्षाओं और छुट्टियों का शेड्यूल मानकीकृत किया जाएगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रावधानों के अनुरूप शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल समय सारिणी का नया मसौदा तैयार किया है। उत्तराखंड के पहाड़ों की कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के कारण गर्मियों की छुट्टियों को छोटा करके विशेष अवकाश की संभावना भी सुनिश्चित की जा रही है।

National Education Policy: New time table ready in Uttarakhand

नई समय सारिणी को अंतिम रूप देने से पहले सभी स्कूलों के प्रिंसिपलों, शिक्षकों, अभिभावकों और छात्रों से सुझाव मांगे गए थे। शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान ने सभी सीईओ को इस संबंध में अपने सुझाव एक सप्ताह के भीतर सीमेट को सौंपने का निर्देश दिये थे। सुझावों के आधार पर इस मौसेदे में बदलाव भी किये जा सकते हैं। शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान ने कहा, ''राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूल अवधि में कुछ बदलाव किए जाने हैं। सभी पहलुओं का अध्ययन करने के बाद एक प्रारंभिक टाइम टेबल बनाया गया है। इस पर सभी पक्षों से सुझाव लिया जा रहा है। अच्छे सुझावों के अनुसार संशोधन भी किए जा सकते हैं।''

8:45 बजे खुलेगा स्कूल, 3:15 बजे छुट्टी

पूरे राज्य में पूरे साल एक ही समय पर स्कूल खुलेंगे। स्कूल सुबह 8:45 बजे खुलकर दोपहर 3:15 बजे बंद हो जाएंगे। वर्तमान में, गर्मियों में स्कूल 1 अप्रैल से 7:45 बजे खुलते हैं और 01:00 बजे छुट्टी होती है। 1 अक्टूबर से शीतकालीन स्कूल 9:15 बजे खुलते हैं और 03:30 बजे छुट्टी होती है। नई समय सारिणी में स्कूल का समय गर्मियों में एक घंटा बढ़ाकर सवा छह घंटे और सर्दियों में पंद्रह मिनट बढ़ाई गई है।

ये रहेगा छुट्टियों का टाइम

पहाड़ी क्षेत्रों में गर्मियों की छुट्टियां 20 से 30 जून और 26 दिसंबर से 31 जनवरी तक सर्दियों का अवकाश रहता है जबकि मैदानी जिलों में ये क्रमशः 27 मई से 30 जून गर्मियों में और 13 जनवरी तक सर्दियों के अवकाश होते हैं। । इसे बदल कर गर्मियों में 20 दिन, सर्दियों में 16 दिन की छुट्टियां करते हुए 12 दिन का विशेष परिस्थितिजन्य अवकाश रखने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। 12 दिन के अवकाश का उपयोग मॉनसून, बर्फबारी, अत्यधिक गर्मी, कांवड मेला, आपदा आदि के दिन में उपयोग किया जाएगा और प्रधानाचार्य इसे घोषित कर सकेंगे। शिक्षकों को परिस्थितिजन्य अवकाश में आने पर 8 दिन की ईएल की सौगात मिलेगी।