उत्तराखंड brigadier kuldip singh chandpuri passed away

नहीं रहा वो शूरवीर, जिसने मार गिराए थे पाकिस्तान के 2000 जवान..शत शत नमन

वो शूरवीर अब हमारे बीच नहीं रहा, जिसने सिर्फ 90 जवानों के साथ पाकिस्तान के 2000 जवान मार गिराए थे। बाद में उनकी वीरता पर फिल्म भी बनी थी।

brigadier kuldip singh chandpuri: brigadier kuldip singh chandpuri passed away
Image: brigadier kuldip singh chandpuri passed away (Source: Social Media)

: उस वीर सपूत को शत शत नमन..जिसने 90 सैनिकों के साथ मिलकर पाकिस्तान के 2000 जवान मार गिराए थे। इसके बाद दुश्मन के टैंक पर चढ़कर भंगड़ा किया था। हम बात कर रहे हैं, बिग्रेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी की। शनिवार को उनका निधन हो गया। 77 साल के कुलदीप कैंसर से पीड़ित थे। आपको 1997 में आई जेपी दत्ता की बॉर्डर तो याद होगी। इस फिल्म में उनके किरदार को सनी देओल ने निभाया है। अब आपको वीूरता और शौर्य से भरी वो कहानी भी बता देते हैं। 1971 में हुए भारत-पाक युद्ध में लोंगेवाला चेकपोस्ट पर ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह ने अहम भूमिका निभाई थी। उस दौरान वो भारतीय सेना में मेजर थे। लौंगेवाला की लड़ाई में कुलदीप सिंह ने बहादुरी और सूझबूझ के साथ जवानों का नेतृत्व किया था। इस वीरता के लिए उन्हें महावीर चक्र से सम्मानित किया गया।

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कुलदीप सिंह का जन्म पंजाब क्षेत्र में मांटगोमेरी में 22 नवंबर 1940 को हुआ था। बचपन से ही सेना के लिए सम्मान उनके दिल में था। इस वजह से वो एनसीसी के सक्रिय सदस्य रहे। 1962 में होशियारपुर गवर्नमेंट कॉलेज से स्नातक की उपाधि ली थी और साथ ही एनसीसी की परीक्षा भी उत्तीर्ण की थी। उनके दोनों चाचा इंडियन एयरफोर्स में पायलट ऑफिसर थे। कुलदीप सिंह 1962 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। उन्होने ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी, चेन्नई से कमीशन लिया और पंजाब रेजिमेन्ट की 23वीं बटालियन में शामिल हुए। उन्होंने 1965 की लडा़ई में भी हिस्सा लिया था। उनकी जिंदगी का सबसे खास पल 1971 की लड़ाई था। उस समय वो पंजाब रेजीमेंट की 23वीं बटालियन को लीड कर रहे थे।

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5 दिसंबर 1971 को जब वे भारतीय सीमा पर गश्त कर रहे थे, तो दुश्मन देश पाकिस्तान ने हमला कर दिया। मेजर चांदपुरी के पास सिर्फ 90 सैनिकों का दल था और सामने थी पाकिस्तान की 51वीं इंफ्रेंटी ब्रिगेड। करीब 2 से तीन हजार पाकिस्तानी जवान सामने थे। हालात मुश्किल थे और मेजर कुलदीप के पास जवान कम थे। इसके बाद भी वे जवानों को उत्साहित करते रहे। पूरी रात उन्होंने 90 लोगों की कंपनी के साथ दुश्मनों का मुकाबला किया। पाकिस्तान के हजारों सैनिक ढेर हो गए और दुश्मन चांदपुरी के जवानों को छू भी नहीं पाए थे। भारत के सिर्फ दो जवान घायल हुए थे। रात होते-होते तक इस छोटी सी टुकड़ी ने पाकिस्तान के 12 टैंक तबाह कर दिए थे। आज वो वीर हमारे बीच नहीं है। शत शत नमन