उत्तराखंड देहरादूनleopard attack on women in uttarakhand

देवभूमि की गुड्डी देवी सजवाण..गुलदार के जबड़े से बचाई अपनी सहेली की जान

नारी शक्ति का इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है। देवभूमि की नारियां वास्तव में हर स्थिति का मुकाबला कर सकती हैं, ये कहानी इसी का सबूत है।

उत्तराखंड: leopard attack on women in uttarakhand
Image: leopard attack on women in uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: अगर गुड्डी दवी सजवाण और बाकी साथियों ने वक्त रहते मुस्तैदी नहीं दिखाई होती तो शायद लक्ष्मी देवी खूंखार गुलदार का शिकार बन जाती। जी हां हम बात कर रहे हैं देहरादून के राजाजी राजाजी टाइगर रिजर्व की मोतीचूर रेंज के जंगल की। यहां मोतीचूर रेंज कार्यालय से 500 मीटर दूरी पर हाइवे से सटे जंगल में गांव की कुछ महिलाएं चारा पत्ती लेने आई थीं। इस बीच एक महिला लक्ष्मी देवी पर गुलदार ने हमला कर दिया। लक्ष्मी देवी के साथ आई हुईं महिलाएं डरी नहीं बल्कि बहादुरी का परिचय दिया। महिलाओं मौके से भागने के बजाय गुलदार से ही टक्कर ले ली। आखिरकार लक्ष्मी देवी की जान बच गई। इस वक्त ऋषिकेश एम्स में घायल लक्ष्मी देवी का इलाज चल रहा है। अब जानिए कि आखिर ये पूरा मामला क्या है।

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बताया जा रहा है कि बृहस्पतिवार की सुबह करीब साढ़े 11 बजे पास के गांव की महिलाएं चारा पत्ती लेने के लिए मोतीचूर रेंज की जंगल सीमा से सटे हाइवे किनारे गई। महिलाएं हाईवे से कुछ कुछ कदम दूर जंगल में पहुंची और चारा लेने लगी। उन्हें इस बात का ज़रा सा भी इल्म नहीं था कि वहां एक खूंखार गुलदार घात लगाए बैठा है। इस बीच गुलदार ने खांडगांव की लक्ष्मी देवी, पत्नी रणवीर धनै पर हमला कर दिया। गुलदार ने लक्ष्मी देवी को जबड़े में दबोचा और जंगल की तरफ घसीटने लगा। इसी वक्त गुड्डी देवी सजवाण की नज़र गुलदार पर पड़ी। गुड्डी देवी सजवाण ने वक्त गंवाए बिना डंडे से गुलदार का मुकाबला करना शुरू कर दिया। इस बीच बाकी महिलाएं रेखा देवी, सरोजनी देवी, शकुंतला देवी और गीता देवी ने भी शोर मचाना शुरू कर दिया।

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गुड्डी देव के हमले और महिलाओं के शोर मचाने से गुलदार मौके से भाग गया। इस बीच लक्ष्मी देवी गुलदार के हमले से काफी लहुलुहान हो गई थी। उन्हें घायल हालात में बाकी महिलाएं जंगल से बाहर लाई और हाईवे पर पहुंचकर वाहनों को हाथ देकर रोकने की कोशिश करने लगी। भले ही वाहनों की कतारें लग गई लेकिन किसी ने भी इंसानियत नहीं दिखाई और महिला को अस्पताल ले जाने से इनकार कर दिया। आखिरकार एक शख्स फरिश्ता बनकर आया और महिलाओं को कार में बैठाकर एम्स के लिए रवाना हो गया। वक्त रहते सभी अस्पताल पहुंचे और लक्ष्मी देवी का इलाज शुरू हो गया। लक्ष्मी देवी को ट्रॉमा सर्जरी सेटंर में भर्ती कराया गया है। फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।