उत्तराखंड देहरादूनProtest in uttarakhand

उत्तराखंड की ‘दामिनी’ के गुनहगार को फांसी दो, सड़क पर उतरे गुस्साए छात्र

पौड़ी गढ़वाल में एक सिरफिरे ने छात्रा को आग लगा दी। इसके बाद से पूरे उत्तराखंड में दरिंदे को फांसी देने की मांग हो रही है।

उत्तराखंड: Protest in uttarakhand
Image: Protest in uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: ऐसा शायद पहाड़ में पहले कभी नहीं हुआ। इस बार हुआ तो जनता सड़क पर उतर गई है। हम बात कर रहे हैं पौड़ी गढ़वाल की, जहां एक सिरफिरे ने छात्रा के ऊपर पेट्रोल छिड़क दिया और जिंदा जला दिया। छात्रा फिलहाल गंभीर हालत में ऋषिकेश के एम्स में भर्ती है। इस घटना के बाद से छात्र-छात्राओं में भारी गुस्सा है। पौड़ी कैंपस में गुस्साए छात्र-छात्राएं सड़कों पर उतर आए। आरोपी को लगातार फांसी देने की मांग हो रही है। छात्रा का सरकारी खर्चे पर इलाज कराने की मांग हो रही है। कलक्ट्रेट के बाहर छात्र-छात्राओं ने नारेबाजी की। बाद में प्रशासन का पुतला फूंका गया और प्रदर्शनकारी धरने पर बैठ गए। आपको बता दें कि छात्रा की हालात अभी भी गंभीर बनी हुई है। छात्रा करीब 70 फीसदी तक जल चुकी है और ऋषिकेश के एम्स में भर्ती है।

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आइए आपको ये भी बता देते हैं कि आखिर ये पूरा मामला क्या है। ये वारदात पौड़ी जिले के कफोलस्यूं पट्टी की है। बीएससी सेकेंड ईयर की छात्रा प्रैक्टिकल परीक्षा देकर स्कूटी से घर की तरफ लौट रही थी। इस बीच गहड़ गाव का शख्स मनोज उसका पीछा करते हुए भीमली तक आ पहुंचा। उसने पहले युवती का रास्ता रोका और फिर जबरदस्ती करने की कोशिश की। जब छात्रा ने इस बात का विरोध किया, तो हैवान शख्स ने उस पर पेट्रोल छिड़ककर आग के हवाले कर दिया। इसके बाद आरोपी मौके से भाग गया। इलाका सुनसान था और छात्रा की चीख किसी को नहीं सुनाई दी। इस बीच वहां से गुजर रहे एक शख्स ने छात्रा को झुलसी हालत में पड़े देखा और तुरंत पुलिस को खबर कर दी। तुरंत ही आपात कालीन सेवा की मदद से छात्रा को जिला अस्पताल पौड़ी लाया गया।

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शुरुआती इलाज किया गया लेकिन छात्रा की हालत बेहद खराब हो गई थी। इसके बाद छात्रा को श्रीनगर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। बताया जा रहा है कि छात्रा का शरीर लगभग 70 प्रतिशत झुलसा हुआ है। हमला करने वाला शख्स अभी तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। शुरुआती जांच कहती है कि आरोपी शख्स तीन चार दिन से छात्रा को परेशान कर रहा था। इस वारदात के बाद से इलाके के लोग गुस्से में हैं।
सवाल ये है कि आखिर पहाड़ पर ये किसकी नज़र लग गई? आखिर इस मानसिकता को क्या हो गया है? पहाड़ में अब तक ऐसी खबरें बहुत कम सुनने को मिली हैं, ऐसे में ये खबर रौंगटे खड़े कर देती है और साथ ही सवाल खड़े करती है कि क्या वास्तव में पहाड़ में भी अब बेटियां सुरक्षित नहीं रह गई ?