उत्तराखंड पिथौरागढ़gopal bisht bhagwan temple of haldwani uttarakhand

उत्तराखंड में एक मंदिर ऐसा है जहां भगवान को प्रसाद के तौर पर धारदार हथियार चढ़ाए जाते हैं, ये है इस अनोखे मंदिर की कहानी...

उत्तराखंड में एक मंदिर ऐसा है जहां भगवान को प्रसाद के तौर पर धारदार हथियार चढ़ाए जाते हैं, ये है इस अनोखे मंदिर की कहानी...

gopal bisht temple: gopal bisht bhagwan temple of haldwani uttarakhand
Image: gopal bisht bhagwan temple of haldwani uttarakhand (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: देवभूमि उत्तराखंड अनोखी मान्यताओं-परंपराओं वाला प्रदेश है। यहां के पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित मंदिरों के चमत्कारों के साथ ही इनकी अलग मान्यताओं की भी खूब चर्चा होती है। किसी मंदिर में आप देवता के दर्शन नहीं कर सकते, तो कोई मंदिर ऐसा भी है जहां पूजा करना ही वर्जित है...चलिए ये तो हुई मान्यताओं की बात, लेकिन यहां एक मंदिर ऐसा भी है, जहां भगवान दूध-घी या नारियल से नहीं बल्कि धारदार हथियारों के चढ़ावे से प्रसन्न होते हैं। ये मंदिर जितना अनोखा है, इससे जुड़ी मान्यताएं हैं उतनी ही अद्भुत...ये है हल्द्वानी के फतेहपुर गांव में स्थित भगवान गोपाल बिष्ट का मंदिर...कहते हैं कि भगवान गोपाल बिष्ट भक्तों की हर मुराद पूरी करते हैं और जब मुराद पूरी होती है तो श्रद्धालु मंदिर के सामने खड़े करणु पेड़ पर तिलक लगी दरांती गाड़ देते हैं, जिससे भगवान गोपाल बिष्ट प्रसन्न होते हैं।

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ये मंदिर कॉर्बेट नेशनल पार्क से सटे घने जंगलों में स्थित है। ये मंदिर जितना चमत्कारी है, उतना ही अद्भुत है, यहां पर लगा करणु का पेड़...जिस पर सैकड़ों दरांतियां गढ़ी हुई हैं, लेकिन पेड़ फिर भी नहीं सूखा....ये पेड़ एकदम स्वस्थ है, इसे ग्रामीण चमत्कार मानते हैं। ग्रामीणों की मानें तो ये पेड़ पिछले सौ साल से यूं ही खड़ा है। दरांतियां गाड़ने के बाद भी पेड़ को नुकसान नहीं पहुंचा। मंदिर में पूजा की परंपरा सदियों से चली आ रही है। कहते हैं गोपाल बिष्ट भगवान की कृपा से जंगली जानवार खेतों में खड़ी फसल को नुकसान नहीं पहुंचाते। ये गांव जंगल से सटा है, लेकिन बाघ-लेपर्ड उनके पालतू जानवरों को नहीं मारते। अगर घर में कोई मवेशी बीमार हो जाता है या दूध देना बंद कर देता है तो ग्रामीण भगवान गोपाल बिष्ट के मंदिर की विभूति उस पर लगाते हैं और इसके बाद सब ठीक हो जाता है। अपनी अनोखी मान्यताओं और चमत्कारों के लिए ये मंदिर दूर-दूर तक विख्यात है। अब तो भगवान गोपाल बिष्ट के दर्शनों के लिए लोग दूर-दूर से फतेहपुर गांव आने लगे हैं।