रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड की चार धाम यात्रा पहाड़ के लोगों के लिए जीवन यापन का एक बड़ा आधार रही है। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री क्षेत्र के पहाड़ी लोगों के लिए चारधाम तीर्थ यात्रा सदियों से जीवन जीने का जरिया रही है। लेकिन तीर्थ यात्रा के नाम पर प्रकृति और स्वयं भगवान को अनदेखा कर केवल धन का दोहन किया जा रहा है।
Hotel garbage flushed near Tripura Sundari temple Guptkashi
जी हाँ, धनलोलुप व्यापारी ना भगवान को मान रहे हैं और ना ही प्रकृति को। केदारनाथ यात्रा के प्रमुख पड़ाव गुप्तकाशी के पास हेलीपैड क्षेत्र नाला में कमोबश यही हाल है। होटल मालिकों ने इस क्षेत्र की आराध्य देवी मां त्रिपुरा सुंदरी, जिन्हें भगवान शिव की पुत्री माना जाता है, उनके मंदिर के ठीक सामने होटल की सारी गंदगी बहा दी है। लोग नाक-मुंह बंद कर जीने को मजबूर हैं। क्षेत्रीय लोगों का कहना है की नाला में स्थित होटल और रिजॉर्ट अपने संस्थाओं के गंदे किचन और बाथरूम के पानी की निकासी मंदिर प्रांगण से लगकर बह रही छोटी सी नहर के द्वारा कर रहे हैं।
हेलिपैड क्षेत्र में स्वच्छ भारत मिशन को बट्टा
आपको बता दें कि इस क्षेत्र में हेलीपैड होने के कारण यहां काफी होटल हैं। इनमें से कुछ होटल भाजपा से संबंधित लोगों के भी हैं। एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वच्छ भारत अभियान के द्वारा सफाई रखने का संदेश पूरे संसार में दे रहे हैं वहीं दूसरी ओर उनके कार्यकर्ता ठीक केदारनाथ क्षेत्र में उनकी ही योजनाओं पर इस प्रकार से बट्टा भी लगा रहे हैं।
विडियो से सामने आई सच्चाई
क्षेत्रीय लोगों ने जब इसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाला तब जाकर सच्चाई यात्रा शुरू होने के दो महीने बाद सामने आई है। वीडियो में आसपास से गुजरने वाले बच्चे तक, नाक और मुंह बंद कर होटल वालों को कोसते हुए निकल रहे हैं। अभी तक यह माना जाता रहा है कि उत्तराखंड आने वाले पर्यटक यहां आकर गंदगी का अंबार लगा देते हैं, लेकिन धन का दोहन करने की अंधी होड़ में होटल मालिक प्रकृति व स्वयं भगवान् को अनदेखा कर रहे हैं और मौजूद संसाधनों का धन कमाने में भरपूर उपयोग कर रहे हैं।
मंदिर सहित पूरा गांव हुआ प्रदूषित
केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव गुप्तकाशी के पास मां त्रिपुरा सुंदरी मंदिर प्रांगण से लगकर होटल की गंदगी बह रही है, मंदिर प्रांगण बदबू से भर गया है लेकिन यह कुछ लोग हैं, कि आंख कान और नाक सब बंद करके बैठे हैं। मंदिर प्रांगण से होकर पूरे गांव के बीच से गुजरती एक छोटी सी नहर में होटल की गंदगी को खुले आम छोड़ा जा रहा है। इन लोगों को जरा भी शर्म नहीं आती कि जिन केदारनाथ के नाम पर ये धन की उगाही कर रहे हैं, उन्ही शिव की पुत्री कही जाने वाली मां त्रिपुरा सुंदरी के प्रांगण को दूषित कर रहे हैं। शासन-प्रशासन शायद आंख मूंदे बैठा है।
बीजेपी कार्यकर्ता भी शामिल
आपको एक बार फिर बता दें, कि यहां पर मौजूद होटल भाजपा कार्यकर्ता का होने के कारण ग्रामीण कुछ कह भी नहीं पा रहे। लेकिन अब जब हद हो गई, मां त्रिपुरा सुंदरी मंदिर प्रांगण सहित पूरा गांव बदबू से भर गया, ग्रामीणों का धैर्य जवाब दे गया। ग्रामीणों का कहना है कि यदि इस संबंध में जल्दी ही कोई समाधान नहीं हुआ और होटल मालिकों ने इसी प्रकार से गंदगी को मां त्रिपुरा सुंदरी मंदिर प्रांगण के पास से बहाना जारी रखा तो ग्रामीण आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
राज्य समीक्षा की भी इन मूर्ख लोगों से अपील है की धन का दोहन करने में कुछ मर्यादा का भी ध्यान रखें। पैसे कमाने की अंधी दौड़ में इतने भी मशगूल ना हो जाएं कि जिस प्रकृति और शिव के नाम पर आप धनार्जन कर रहे हैं, उन्हीं का अपमान करने लगें।