उत्तराखंड St Josephs School recognition to canceled at Kotdwar

कोटद्वार में रद्द हो सकती है निजी स्कूल की मान्यता, अभिभावकों ने लगाया था मनमानी का आरोप

अभिभावकों पर अपनी बताई दुकान से ही यूनिफॉर्म खरीदने का दबाव बनाने वाले स्कूल के खिलाफ कोटद्वार प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है।

St Josephs School: St Josephs School recognition to canceled at Kotdwar
Image: St Josephs School recognition to canceled at Kotdwar (Source: Social Media)

: सही तरीके से इस्तेमाल हो तो सोशल मीडिया के कई फायदे भी हैं...अब कोटद्वार में ही देख लीजिए...जहां एक निजी स्कूल, पैरेंट्स पर दबाव बना रहा था कि वो उनकी बताई दुकान से ही बच्चों की ड्रेस खरीदे...दरअसल स्कूल प्रशासन और ड्रेस विक्रेता की आपस में सांठ-गांठ थी, जिसका खामियाजा पैरेंट्स भुगत रहे थे...अभिभावकों का शोषण हो रहा था। हाल ही में ड्रेस विक्रेता की दबंगई का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था, जिसमें दुकानदार बच्चे के पैरेंट्स को धक्के देकर दुकान से बाहर निकालता दिख रहा है। यही नहीं आरोपी दुकानदार ने अभिभावकों के साथ बदसलूकी भी की थी। जैसे ही ये वीडियो वायरल हुआ, लोग भड़क गए। अभिभावकों ने इस बारे में गुरुवार को एसडीएम से शिकायत की, मामला गंभीर था इसीलिए एसडीएम ने तुरंत मामले की जांच के आदेश दे दिए। शिक्षा विभाग भी स्कूल और दुकानदार के खिलाफ जांच कर रहा है। प्रशासन की एक टीम स्कूल और ड्रेस विक्रेता की मिलीभगत के आरोपों की जांच करेगी। अगर स्कूल एक ही दुकान से ड्रेस लेने के लिए बाध्य करता पाया गया तो स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ये पूरा मामला सेंट जोसेफ स्कूल से जुड़ा है।

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निजी स्कूलों की मनमानी किसी से छिपी नहीं है। हर साल स्कूल की यूनिफॉर्म-किताबें बदल जाती हैं और अभिभावकों पर दबाव बनाया जाता है कि वो नई यूनिफॉर्म और किताबें लें। इस मामले में भी ऐसा ही हुआ था, अभिभावक केवल एक टीशर्ट लेने के लिए सिद्धबली यूनिफॉर्म दुकान पर गए थे। वो केवल एक टीशर्ट खरीदने आए थे, क्योंकि पूरी यूनिफॉर्म उनके पास पहले से थी, इस बात पर दुकानदार भड़क गया वो पीड़ित पर पूरी यूनिफॉर्म लेने का दबाव बनाने लगा, पर जब इससे भी बात नहीं बनी तो दुकानदार ने अभिभावकों को दुकान से धक्के देकर बाहर निकाल दिया। वीडियो वायरल होने के बाद दूसरे अभिभावकों ने भी पीड़ित का साथ दिया और दुकानदार की मनमानी का विरोध किया। अभिभावकों की शिकायत के बाद प्रशासन ने इस मामले में जांच बैठा दी है। एसडीएम मनीष कुमार सिंह ने कहा कि दस दिन में जांच पूरी हो जाएगी, अगर स्कूल दोषी पाया गया तो उसकी मानय्ता रद्द करने की सिफारिश की जाएगी। ये एक अच्छा कदम है, निजी स्कूलों के खिलाफ अगर लोग यूं ही एकजुट हो जाएं तो उनकी मनमानी पर लगाम लगेगी, साथ ही उन स्कूलों को अच्छा सबक भी मिलेगा, जिन्होंने स्कूलों के नाम पर दुकानें खोली हुई हैं...और अभिभावकों का शोषण कर रहे हैं।

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