उत्तराखंड हरिद्वारYoung man distributed pamphlet in the village to marry his girlfriend

उत्तराखंड: प्रेमिका से शादी के लिए युवक ने गांव में पर्चे बंटवा दिए, शोले के वीरू जैसा ड्रामा

हरिद्वार के गांव में रहने वाले युवक ने प्रेमिका को पाने के लिए सबकुछ किया, पर जब ब्याह की उम्मीद ना रही तो उसने गांव वालों से मदद की गुहार लगाई...

pamphlet distributed in haridwar: Young man distributed pamphlet in the village to marry his girlfriend
Image: Young man distributed pamphlet in the village to marry his girlfriend (Source: Social Media)

हरिद्वार: प्यार में लोग क्या-क्या नहीं करते। फिल्म शोले का वो सीन तो आपको याद ही होगा, जिसमें वीरू बसंती से शादी के लिए पानी की टंकी पर चढ़ जाता है। जब तक मौसी मानती नहीं, वीरू की धमकियां जारी रहती हैं। हरिद्वार में भी कुछ ऐसा ही हुआ है, लेकिन यहां प्रेमी ने टंकी पर चढ़ने की बजाय पूरे गांव में अपने और प्रेमिका के नाम के पर्चे बंटवा दिए। इन पर्चों के जरिए युवक ने ग्रामीणों से शादी कराने की गुहार लगाई। प्रेमी का हाले दिल सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गया है। पूरे हरिद्वार में ये पर्चे और पर्चे छपवाने वाला चर्चा का केंद्र बना हुआ है। पूरा मामला भी बताते हैं। लक्सर क्षेत्र के एक गांव में रहने वाला युवक अपनी प्रेमिका से शादी करना चाहता है। प्रेमिका गांव में ही रहती है। युवक को उम्मीद थी कि प्रेमिका के परिजन ब्याह के लिए मान जाएंगे। गर्लफ्रैंड की दो बहनों की शादी के वक्त उसने उसके परिजनों की मदद भी की, इतना कुछ करने के बाद भी प्रेमिका के परिजनों ने उसे शादी का आश्वासन नहीं दिया। मेहनत और अरमानों पर पानी फिरते देख युवक ने अपने हाथों से एक पर्चा लिखा। पर्चे में अपना और प्रेमिका का नाम लिखकर ग्राम प्रधान और ग्रामीणों से शादी कराने की गुहार लगाई। हाथ से लिखे पर्चे की कई फोटोकॉपी कराई और ये पर्चे अलग-अलग जगहों पर फेंक दिए। युवक ने लिखा है कि वो गरीब है, पर फिर भी प्रेमिका के परिवार की हरसंभव मदद करता रहा। लड़के ने गांववालों से कहा कि वो उसकी प्रेमिका संग शादी करा दें। ग्राम प्रधान ने भी पर्चे मिलने की पुष्टि की है। वहीं पुलिस का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में है, पर किसी तरह की शिकायत फिलहाल नहीं मिली है। शिकायत मिलने पर जरूरी कार्रवाई की जाएगी।यह भी पढ़ें - धन्य है देवभूमि के गरीब किसान की ये लाडली, हालातों से हारी नहीं और बन गई इंजीनियर