उत्तराखंड उत्तरकाशीYouth of uttarkashi died in pune Maharashtra

पहाड़ के नौजवान की पुणे में हत्या, 1 महीने पहले ही घर से लौटा था..गांव में पसरा मातम

देवचंद घर के हालात बेहतर बनाने के लिए पुणे गया था, लेकिन वहां से जिंदा वापस नहीं लौट सका, सोमवार को देवचंद को अंतिम विदाई दी गई...देखिए वीडियो

Youth of uttarkashi killed: Youth of uttarkashi died in pune Maharashtra
Image: Youth of uttarkashi died in pune Maharashtra (Source: Social Media)

उत्तरकाशी: पहाड़ का रहने वाला 32 साल का देवचंद कई सपने लेकर पुणे गया था। सोचा था नौकरी कर परिवार का सहारा बनेगा। माता-पिता के सपनों को पूरा करेगा, पर होनी को कुछ और ही मंजूर था। देवचंद को गए हुए अभी सिर्फ 1 महीना ही हुआ था कि 6 नवंबर को उसके परिवार को ऐसी दुखद खबर मिली, जिसने उन्हें तोड़कर रख दिया। 6 नवंबर को देवचंद रमोला की पुणे में संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। देवचंद की निर्जीव देह उत्तरकाशी पहुंचते ही वहां कोहराम मच गया। परिजन बिलखने लगे। बुजुर्ग महिलाओं को यूं रोता-बिलखता देख गांव के हर सदस्य का कलेजा फट पड़ा। देवचंद रमोला की मौत अपने पीछे कई सवाल छोड़ गई है। देवचंद डांग ब्रह्मखाल गांव का रहने वाला था। परिवार बेहद गरीब है। पिता खेती कर किसी तरह दिन गुजार रहे थे, पर बेटे की मौत ने उन्हें तोड़कर रख दिया है।

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बीते छह नवंबर की शाम देवचंद ने अपने परिजनों से बात की थी, उसने कहा था कि उसे पुणे में कुछ ठीक नहीं लग रहा। वो वापस लौटना चाहता है, पर देवचंद जिंदा वापस नहीं लौटा। अगले ही दिन परिजनों को उसकी मौत की खबर मिली। देवचंद के परिजनों ने होटल के मालिक पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत की वजह धारदार हथियार से गला रेता जाना बताई गई है, पर पुलिस इसे सुसाइड केस बता रही है। जिस होटल में देवचंद काम करता था, उसके मालिक ने संवेदनहीनता की सारी हदें पार कर दी। उसने देवचंद का शव उसके घर पहुंचाने तक से इनकार कर दिया। बाद में परिजनों ने सेना में कार्यरत किसी परिजन की मदद ली। तब कहीं जाकर देवचंद का पार्थिव शरीर उसके घर पहुंच सका। सोमवार को पैतृक गांव में देवचंद का अंतिम संस्कार किया गया। समाजसेवी संगठनों और ग्रामीणों ने देवचंद की मौत के मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। मृतक के परिजनों ने कहा कि पुणे पुलिस और होटल मालिक मामले को दबाने की कोशिश कर रहे हैं। हत्या को आत्महत्या बताया जा रहा है। ग्रामीणों ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई ना होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

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