उत्तराखंड अल्मोड़ाSth nurses nurtured kriti for three months

उत्तराखंड की इन नर्सों को सलाम, सड़क पर तड़पती नवजात बच्ची को मां की तरह पाला

अल्मोड़ा में सड़क किनारे लावारिस हालत में मिली नन्हीं कृति अब 3 महीने की हो गई है। अस्पताल में उसे नया जीवनदान मिला, कृति की नई जिंदगी स्टाफ नर्स कविता, रिचा, अनीता और कमला की देन है, जिन्होंने बच्ची को मां की कमी महसूस नहीं होने दी।

Almora: Sth nurses nurtured kriti for three months
Image: Sth nurses nurtured kriti for three months (Source: Social Media)

अल्मोड़ा: डॉक्टरों को धरती का भगवान कहा जाता है, लेकिन अस्पतालों में काम करने वाली नर्सेज भी देवदूतों से कम नहीं होतीं। हल्द्वानी में 4 नर्सेज का ऐसा ही मानवीय चेहरा देखने को मिला। इन नर्सों ने लावारिस नवजात बच्ची को पाला-पोसा उसे जीवनदान दिया। इस बच्ची को उसके अपने माता-पिता ने दुत्कार दिया था। वो अल्मोड़ा में सड़क किनारे पड़ी थी। बच्ची को आवारा कुत्ते नोंच रहे थे। बच्ची को हल्द्वानी के एसटीएच में भर्ती कराया गया, जहां 4 नर्सों ने इस बच्ची को मां जैसा लाड़-दुलार दिया। उसे पाला-पोसा और नई जिंदगी दी। बच्ची को नया नाम और नई पहचान मिली। उसका नाम रखा गया कृति। कृति की परवरिश में 3 महीने का वक्त कब बीत गया पता ही नहीं चला। नन्हीं कृति अब 3 महीने की हो गई है, उसे जल्द ही अल्मोड़ा सदन भेज दिया जाएगा। जिस बच्ची को परिजनों ने बोझ समझा, उसे अस्पताल में नया परिवार मिल गया। नन्हीं कृति की मुस्कान से पूरा अस्पताल खिलखिला उठता है।

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कृति की ये मुस्कान स्टाफ नर्स कविता, रिचा, अनीता और कमला की देन है, जिन्होंने बच्ची को मां की कमी महसूस नहीं होने दी। चारों बच्ची का खूब ध्यान रखती हैं। कृति अब स्वस्थ है, जल्द ही उसे अल्मोड़ा के शिशु निकेतन भेज दिया जाएगा। जहां से उसे नियमानुसार गोद लिया जा सकेगा। आपको बता दें कि 20 नवंबर को किसी ने नवजात बच्ची को सड़क किनारे फेंक दिया था। वो कुत्तों के झुंड से घिरी हुई थी। खून से लतपथ बच्ची को आवारा कुत्ते नोंच रहे थे। इसी बीच एक बाइक सवार युवक वहां पहुंचा और पुलिस को सूचना दी। जब नवजात को अस्पताल लाया गया था, तब उसकी हालत नाजुक थी। डॉक्टरों ने उसे बेहतर उपचार दिया। साथ ही स्टाफ नर्स कविता, रिचा, अनीता और कमला ने भी बच्ची की खूब देखभाल की। एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कृति अब स्वस्थ है। उसके शरीर पर अब कोई जख्म नहीं है। कृति को अब अल्मोड़ा के शिशु सदन में भेज दिया जाएगा। जहां उसकी उचित देखभाल की जाएगी।