बागेश्वर: उत्तराखंड के रहने वाले डॉ. नारायण सिंह धर्मशक्तू को अंतरराष्ट्रीय गांधी अवॉर्ड-2019 से सम्मानित किया गया। उन्हें ये सम्मान कुष्ठ रोग उन्मूलन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए प्रदान किया गया। बीते 6 फरवरी को दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में हुए कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने डॉ. नारायण सिंह धर्मशक्तू को अंतरराष्ट्रीय गांधी अवॉर्ड से नवाजा। डॉ. नारायण सिंह धर्मशक्तू को यह पुरस्कार व्यक्तिगत श्रेणी में प्रदान किया गया है। डॉ. धर्मशक्तू बागेश्वर जिले के कपकोट तहसील में आने वाले गांव कनोली पालनधरा में रहते हैं। वो भारत सरकार में बतौर सलाहकार सेवा दे चुके हैं। पिछले साल जुलाई में वो अपने पद से रिटायर हुए। डॉ. धर्मशक्तू की शुरुआती पढ़ाई अल्मोड़ा के सरकारी इंटर कॉलेज में हुई। बाद में वो एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए केजीएमसी लखनऊ गए।
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एमबीबीएस के बाद उन्होंने एम्स दिल्ली से एमडी की पढ़ाई की। वहां से एडवांस ट्रेनिंग के लिए अमेरिका चले गए। डॉ. धर्मशक्तू भारत सरकार में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा चुके हैं। साल 1999 से 2000 के बीच उन्होंने नेपाल में भी सेवाएं दी। वो 2002 से 2004 तक विश्व स्वास्थ्य संगठन के साथ नेपाल और भारत समेत कई देशों में काम कर चुके हैं। कुष्ठ रोग पर डॉ. धर्मशक्तू कई रिसर्च पेपर प्रस्तुत कर चुके हैं। दिल्ली में हुए सम्मान समारोह में राष्ट्रपति ने कुष्ठ रोग निवारण के क्षेत्र में डॉ. धर्मशक्तू के योगदान को सराहा। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों, शोधकर्ताओं और सामाजिक संगठनों के निरंतर प्रयासों की बदौलत कुष्ठ रोग के खिलाफ पूर्वाग्रह और इसे एक सामाजिक अभिशाप के रूप मे देखने का चलन काफी कम हो गया है।