उत्तराखंड Fifty percent declarations of Uttarakhand chief ministers incomplete

उत्तराखंड में मुख्यमंत्रियों के 50 फीसदी वादे अधूरे, 1730 वादों का पता ही नहीं.. RTI से बड़ा खुलासा

उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों ने पिछले 8 कार्यकालों में जितनी घोषणाएं की थीं, उनमें से पचास फीसदी घोषणाएं अधूरी ही रहीं। इसका खुलासा एक आरटीआई में हुआ....

CM OF UTTARAKHAND: Fifty percent declarations of Uttarakhand chief ministers incomplete
Image: Fifty percent declarations of Uttarakhand chief ministers incomplete (Source: Social Media)

: उत्तराखंड में विकास के वादे तो खूब होते हैं, पर ये वादे जमीनी धरातल पर हकीकत का रूप नहीं ले पाते। वो कहते हैं ना कसमें-वादे तो बस बातें हैं, बातों का क्या? उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों ने पिछले 8 कार्यकालों में जितनी घोषणाएं की थीं, उनमें से पचास फीसदी घोषणाएं अधूरी ही रहीं। इसका खुलासा एक आरटीआई में हुआ। वर्तमान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से पहले के 7 मुख्यमंत्रियों की 1730 घोषणाएं ऐसी हैं, जो सिर्फ बातों तक ही सीमित रहीं। इन सैकड़ों वादों-घोषणाओं का क्या हुआ, इस सवाल का जवाब सीएम कार्यालय के पास भी नहीं है। सबसे पहले बात करेंगे प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री दिवंगत नित्यानंद स्वामी की। इनकी 33 और उनके बाद सीएम की कुर्सी संभालने वाले भगत सिंह कोश्यारी की 11 घोषणाओं का क्या हुआ, इसकी जानकारी किसी के पास नहीं है। मुख्यमंत्रियों की घोषणाओं की हकीकत जानने के लिए हल्द्वानी के आरटीआई कार्यकर्ता गुरविंदर चड्ढा ने एक आरटीआई के जरिए घोषणाओं के बारे में जानकारी मांगी थी। आगे जानिए पूरी जानकारी

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - रुद्रप्रयाग के स्कूल में बवाल..मिड डे मील के अंडे-केले चट कर गई शिक्षिका? देखिए वीडियो
जो जानकारी उन्हें मिली उसने घोषणाओं की असलियत सामने ला दी। आरटीआई से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत (छह फरवरी 2020 तक) और पूर्व के सात मुख्यमंत्रियों ने 9827 घोषणाएं की हैं। इनमें से अभी तक 5103 घोषणाएं ही पूरी हो पाई हैं। यानी कि 51.92 घोषणाएं ही ऐसी रहीं, जिन पर काम किया जा चुका है। घोषणा करने और उन पर काम करवाने के मामले में पूर्व सीएम हरीश रावत की स्थिति फिर भी काफी बेहतर रही। उन्होंने तीन साल के कार्यकाल में सबसे ज्यादा 3814 घोषणाएं कीं। इन्हें पूरा करने में भी वह सबसे आगे हैं। उनकी 57.70 फीसदी घोषणाएं पूरी हो चुकी हैं और 1343 घोषणाओं पर अब भी काम चल रहा है। घोषणाओं पर काम कराने के मामले में वर्तमान सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत दूसरे नंबर पर हैं। उनकी 56.55 घोषणाएं पूरी हो चुकी हैं। अभी उनका कार्यकाल बाकी है, इसलिए घोषणाओं पर काम करने का वक्त भी उनके पास है। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने 1977 घोषणाएं की, जिनमें से 1118 पूरी हो चुकी हैं। 469 घोषणाओं पर काम चल रहा है। अब बात करते हैं पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत एनडी तिवारी की। इनकी 65.13 फीसद घोषणाओं पर काम शुरू ही नहीं हो पाया। फाइलें बंद हो चुकी हैं। पूर्व सीएम मेजर जनरल भुवन चंद्र खंडूड़ी ने अपने कार्यकाल के दौरान जितनी घोषणाएं कीं, उनमें 50 फीसद से ज्यादा पर काम पूरा हो चुका है। डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने 1140 घोषणाएं की थीं, जिनमें से 458 पर काम पूरा हो चुका है। इसी तरह विजय बहुगुणा ने 1340 घोषणाएं की थीं, जिनमें से सिर्फ 678 पूरी हो सकीं।