उत्तराखंड अल्मोड़ाLack of health facilities in Uttarakhand

उत्तराखंड में विकास चरम पर, गर्भवती को 2-2 एम्बुलेंस भी नहीं पहुंचा पा रही अस्पताल.. शाबाश स्वास्थ्य विभाग

स्वास्थ्य सुविधा की कमी के कारण एक बार फिर पहाड़ की गर्भवती महिला को अस्पताल तक पहुंचने तक कई परेशानियों का सामना पड़ा.....

Ambulance Service: Lack of health facilities in Uttarakhand
Image: Lack of health facilities in Uttarakhand (Source: Social Media)

अल्मोड़ा: उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में एक स्वास्थ्य व्यवस्था का बेहद बुरा हाल देखने को मिला। यहां एक गर्भवती महिला को दो एंबुलेंस भी अस्पताल नहीं पहुंचा सकी। महिला को अस्पताल तक पहुँचने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

Lack of health facilities in Uttarakhand

उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में गांवों में अक्सर स्वास्थ्य सुविधा की कमियों के कारण परेशानियों से जूझना पड़ता है। स्वास्थ्य सुविधा की कमी के कारण एक बार फिर पहाड़ की एक गर्भवती महिला को अस्पताल तक पहुंचने तक कई परेशानियों का सामना पड़ा. दरअसल, बीते बुधवार को देर शाम करीब साढ़े आठ बजे अल्मोड़ा जिले के चौखुटिया नगर पंचायत में स्थित गनाई गांव की निवासी गर्भवती महिला संजना देवी पत्नी विजय कुमार को दर्द होने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौखुटिया लाया गया. लेकिन महिला की गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें रानीखेत रेफर कर दिया।

रास्ते में खराब हो गई एम्बुलेंस

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौखुटिया से पीड़ित गर्भवती महिला को देर रात ही एंबुलेंस से रानीखेत अस्पताल भेजा गया। लेकिन वो एंबुलेंस रास्ते में ही खराबी हो गई। गर्भवती महिला के पति विजय कुमार ने कहा कि एंबुलेंस महाकालेश्वर पहुंचते ही खराब हो गई। जिसके बाद एंबुलेंस आधे घंटे तक महाकालेश्वर के पास खड़ी रहने के बाद द्वाराहाट तक पहुंच सकी।

टैक्सी बुक कर पहुंचाया महिला को अस्पताल

द्वाराहाट पहुंचने के बाद महिला को दूसरी एंबुलेंस में बैठाया गया। लेकिन जैसे ही दूसरी एंबुलेंस मिरई के पास पहुंची, वो भी खराब हो गई। अधिक देरी होने पर गर्भवती महिला की समस्या बढ़ सकती थी। ऐसी स्थिति में महिला के पति ने 1500 रुपये में एक टैक्सी बुक कर पत्नी को किसी तरह नागरिक चिकित्सालय रानीखेत पहुंचाया। गर्भवती महिला के पति ने बताया कि चौखुटिया से आई एंबुलेंस में इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन मौजूद थी, लेकिन दूसरी एम्बुलेंस में नहीं थी। ऐसे में इमरजेंसी के समय उनकी पत्नी की समस्याएँ बढ़ सकती थीं।