उत्तराखंड रुद्रपुरudhamsinghnagar district honey is also in demand in America

उत्तराखंड के इस शहद की अमेरिका में भी डिमांड, लोगों की हो रही है शानदार कमाई

रुद्रपुर के हनी क्रीम ब्रांड शहद की विदेशों में खूब डिमांड है। पिछले साल रुद्रपुर से करीब 872 क्विंटल शहद का निर्यात किया गया था। जिससे 125 करोड़ की विदेशी मुद्रा अर्जित की गई...

Udhamsinghnagar news: udhamsinghnagar district honey is also in demand in America
Image: udhamsinghnagar district honey is also in demand in America (Source: Social Media)

रुद्रपुर: उत्तराखंड की औद्योगिक नगरी रुद्रपुर...ये जगह उद्योगों के लिए मशहूर है, लेकिन क्या आप जानते हैं एक और वजह है जो रुद्रपुर को खास बनाती है, और वो है यहां मिलने वाला शहद। रुद्रपुर में बनने वाला शहद अमेरिका सहित कई देशों में मिठास घोल रहा है। विदेशों में इसकी भारी डिमांड है। यहां से बाहर भेजे जाने वाले शहद का सालाना टर्नओवर करोड़ों में है। पिछले साल रुद्रपुर से करीब 872 क्विंटल शहद का निर्यात किया गया था। जिससे 125 करोड़ की विदेशी मुद्रा अर्जित की गई। मौन पालन को बढ़ावा देने के लिए विभाग ने इस बार अनुदान के तौर पर करीब 52 लाख से अधिक का बजट बांटा है। सरकार जिले में मौन पालन को बढ़ावा देने के प्रयास कर रही है। डिप्टी डायरेक्टर मधुमक्खी पालन हरिश्चंद्र तिवारी ने कहा कि मधुमक्खी पालन से काश्तकारों को अच्छा मुनाफा हो रहा है। लोग इसे स्वरोजगार के तौर पर अपना रहे हैं।

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वर्तमान में करीब 60 मौन उत्पादक स्वरोजगार से आर्थिक तौर पर मजबूत हो रहे हैं। क्षेत्र में इस वक्त करीब 12 हजार मौन डिब्बों में मौन पालन किया जा रहा है। हर मौन डिब्बे में करीब दो लाख से ज्यादा मधुमक्खियां होती हैं, जो कि शहद का उत्पादन करती हैं। इनसे शहद के अलावा मोम भी मिलता है। जिले में गदरपुर, दिनेशपुर सहित खटीमा में मौन पालन किया जा रहा है। इसको स्वरोजगार के लिए अधिक से अधिक लोग अपनाएं इसके लिए सरकार 40 प्रतिशत का अनुदान भी दे रही है। एक मौन डिब्बे के लिए दो हजार रुपये और मधुमक्खी खरीदने के लिए 4 हजार रुपये का बजट आता है। जिसमें 40 फीसदी का अनुदान दिया जाता है। यहां का खास ब्रांड हनी क्रीम है, जिसकी अमेरिका और दूसरे देशों में खूब डिमांड है। मधुमक्खियां अपने पालक को नुकसान नहीं पहुंचाती। सरकार की तरफ से भी मधुमक्खी पालन को प्रमोट किया जा रहा है, ये राज्य में आजीविका का बढ़िया माध्यम बन सकता है।