उत्तराखंड पौड़ी गढ़वालDILBAR SINGH PAURI GARHWAL DIED IN DELHI UPDATE

गढ़वाल से अपना घर छोड़कर दिल्ली गया था दिलबर, दंगाइयों ने हाथ-पैर काटकर जिंदा जलाया

उत्तराखंड के नौजवान देश के अलग अलग शहरों में रह रहे हैं लेकिन वो किस हाल में जी रहे हैं, इस बात पर चर्चा जरूरी है। दिल्ली में गढ़वाल के दिलबर सिंह को जिंदा जलाया गया है। पूरी खबर पढ़िए

Dilbar singh pauri garhwal: DILBAR SINGH PAURI GARHWAL DIED IN DELHI UPDATE
Image: DILBAR SINGH PAURI GARHWAL DIED IN DELHI UPDATE (Source: Social Media)

पौड़ी गढ़वाल: दंगों की आग में दिल्ली जल रही है। इंसान ही इंसान के खून का प्यासा हो गया है। इन्हीं में से एक कहानी है उत्तराखंड के दिलबर की। पौड़ी गढ़वाल के दिलबर की आंखों ने भी कुछ सपने देखे होंगे। जिंदगी को अच्छे से जीने के सपने को आंखों में बसाए दिलबर ने डेढ़ साल पहले दिल्ली का रुख किया था। वहां वो एक दुकान में काम करता था। दिल्ली जैसे महंगे शहर में रहकर वो कुछ कमाई कर रहा था। कमाई का कुछ हिस्सा घर बेचता था और जितना बचना थो उससे अपना खर्च चलाता था। 24 फरवरी की रात दिलबर की जिंदगी की आखिरी रात साबित हुई। दुकान के भीतर सो रहे दिलबर को इस बात का भी अंदाजा नहीं था कि आग की लपटें उसके सारे सपनों को खाक कर देंगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक दंगाई दुकान में घुसे और पहले दिलबर के हाथ पौर काटे। क्रूरता और वहशीपन का ये सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ। अधमरी हालत में दिलबर को जिंदा जला दिया गया। दिलबर के दोस्त श्याम पर भी हमला हुआ। श्याम पौड़ी गढ़वाल के ईडा गांव का ही रहने वाला है। श्याम की आंखों ने वो सारा खौफनाक मंजर देखा और आज भी उसकी रूह कांपती है। श्याम के मुताबिक 24 फरवरी की रात को दिलबर बेकरी के गोदाम में सो रहा था। तभी दंगाइयों ने गोदाम में आग लगा दी, जिससे वह जिंदा जल गया। श्याम का कहना है कि दंगाइयों ने उस पर भी हमला किया, जिससे वो गंभीर रूप से घायल हो गया। होश आने पर उसने अपने आप को गुरु तेग बहादुर अस्पताल में भर्ती पाया। जीटीबी अस्पताल की रिपोर्ट कहती है कि दिल्ली दंगों में यहां 27 से ज्यादा लोग मारे गए हैं। आखिर कब तक नफरत की ये आग हमें जलाती रहेगी ? आखिर कब तक इन दंगों की आग में इंसानियत और सद्भावना जलकर खाक होती रहेगी। जरा सोचिए...आखिर कब तक?
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