उत्तराखंड himalayan garhwal university pauri garhwal

उत्तराखंड के उच्च शिक्षा मंत्री कृपया ध्यान दें, क्या ऐसे संवरेगी पहाड़ में शिक्षा की तकदीर?

पहाड़ में ये है शिक्षा व्यवस्था का हाल? इस यूनिवर्सिटी के बारे में जो भी सुनने को मिल रहा है, उससे तो लग रहा है छात्रों के सपनों पर बट्टा लगाया जा रहा है।

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Image: himalayan garhwal university pauri garhwal (Source: Social Media)

: जब मामला पहाड़ की शिक्षा व्यवस्था का हो, तो कई दावे होते हैं और कई बातें होती हैं। सरकार लगातार बातें करती है कि शिक्षा व्यावस्था सुधारनी है लेकिन कुछ लोग हैं, जो सरकार के सपनों पर बट्टा लगा रहे हैं। पहाड़ की ही प्राइवेट यूनिवर्सिटीज पहाड़ के छात्रों और सरकार के सपनों पर बट्टा लगा रही हैं। कई उम्मीदों के साथ पौड़ी जिले के पोखड़ा में हिमालयन गढ़वाल यूनिवर्सिटी 2016 में स्थापित हुई थी। पहाड़ के छात्रों को प्रॉफेशनल एजुकेशन मिल सके इसलिए उस दौरान यूनिवर्सिटी को बड़े उद्देश्य से स्थापित किया गया। लेकिन हिमालयन गढ़वाल विश्वविद्यालय के बारे में जो सुनने को मिल रहा है, वो गजब है। सूत्रों के हवाले से खबर है कि है कि तमाम नियम कायदों को दरकिनार कर सिर्फ अपनी कमाई कर रहा है।
विश्वविद्यालय अपनी मनमर्जी से डिस्टेंस एजुकेशन की तरह काम कर रहा है।
विश्वविद्यालय में UGC के नियमों के अनुरूप फैकल्टी नहीं हैं।
सूत्रों के मुताबिक उक्त विश्वविद्यालय अपनी सहूलियत के हिसाब से परीक्षा किसी भी केंद्र में आयोजित कर देता है। जानकारी है कि पिछली परीक्षा कोटद्वार में केंद्र बनाकर आयोजित कर दी गई। जो कि नियम विरुद्ध है।
सूत्रों के मुताबिक विश्वविद्यालय पूरी फीस वसूल करता है और छात्रों की उपस्थिति मनमाने तरीक़े से दर्शाता है।
अगर उक्त सभी बातें सच हैं को सवाल उठने लाज़िमी हैं। इसे लेकर राज्य समीक्षा द्वारा यूनिवर्सिटी के चैयरमैन से भी बात की। उन्होंने इन सब बातों को नकारा है।
सवाल अभी भी हैं
अगर ये बातें सच हैं तो इस विश्वविद्यालय पर कार्रवाई क्यों नही की जा रही है?
विश्वविद्यालय द्वारा पहाड़ के छात्रों का बड़े संस्थानों में प्लेसमेंट का भी दावा किया गया। सवाल है कि आखिर पिछले 4 सालों में विश्वविद्यालय से कितने छात्रों का प्लेसमेंट हुआ?
सवाल तो ये भी है कि क्या सरकार की ही तरफ से इस विश्वविद्यालय को खुली छूट मिली है?