उत्तराखंड पिथौरागढ़Terror of monkeys in pithoragarh

उत्तराखंड: बंदरों को भगाने के लिए भालू के लुक में दिखे ITBP जवान, समस्या गंभीर है

जो तस्वीर आप देख रहे हैं, उसमें आईटीबीपी के दो जवान भालू की पोशाक में दिख रहे हैं, अब आप सोचेंगे कि आखिर दुश्मनों को धूल चटाने वाले हिमवीरों को भालू की पोशाक पहन कर क्यों घूमना पड़ रहा है, चलिए इसकी वजह भी बताते हैं...

Pithoragarh news: Terror of monkeys in pithoragarh
Image: Terror of monkeys in pithoragarh (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: आईटीबीपी...सेना की वो विंग, जो दुनिया के हर संकट का डटकर सामना करती है। ITBP के जवानों को हिमवीर कहा जाता है, इन हिमवीरों की बहादुरी के किस्से पूरी दुनिया में मशहूर हैं। ऊपर जो तस्वीर आप देख रहे हैं, उसमें आईटीबीपी के दो जवान भालू की पोशाक में दिख रहे हैं, अब आप सोचेंगे कि आखिर दुश्मनों को धूल चटाने वाले हिमवीरों को भालू की पोशाक पहन कर क्यों घूमना पड़ रहा है। इसकी वजह भी आपको बता देते हैं, वजह हैं जंगली बंदर, जिन्होंने इस वक्त पहाड़ के हर हिस्से में उत्पात मचाया हुआ है। पलायन की वजह से जो गांव-खेत उजाड़ हो गए हैं, वहां बंदरों ने डेरा जमा लिया है। इनके डर से किसान खेती नहीं कर पा रहे, बच्चे स्कूल जाने से डर रहे हैं। पिथौरागढ़ में रहने वाले आईटीबीपी के जवान भी जंगली बंदरों से परेशान हैं। इस मुसीबत से निपटने के लिए आईटीबीटी के जवानों ने नई तरकीब अपनाई है। ये जवान भालू की पोशाक पहनकर बंदरों को भगाने में जुटे हैं। जवानों की मानें तो बिना भालू की पोशाक पहने बंदरों को भगाना मुमकिन नहीं है, क्योंकि बंदर आक्रामक हैं, कभी भी हमला कर सकते हैं।

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पिथौरागढ़ समेत पहाड़ के हर हिस्से में बंदरों का आतंक चरम पर है। बंदरों से गांव के किसान ही नहीं अर्द्धसैनिक बलों के जवान भी परेशान हैं। आईटीबीपी की सातवीं वाहिनी मिर्थी में लंबे समय से बंदरों का आतंक मचा हुआ है। जवानों ने बताया कि जब वो बंदरों को भगाने के लिए पहुंचते हैं तो बंदर उन्हें काटने के लिए दौड़ पड़ते हैं, यही वजह है कि अब आईटीबीपी के जवान भालू की ड्रेस में बंदरों को भगाते हैं। बंदरों को भगाने की ये तरकीब आपको फनी लग सकती है, लेकिन बंदरों की बढ़ती तादाद को हंसी में नहीं उड़ाया जा सकता। समस्या गंभीर है। पहाड़ में बंदर लोगों के घरों में घुसकर हमला करने लगे हैं। अफसोस की बात ये है कि हम हर दिन ऐसी खबरे पढ़ते हैं, अफसोस भी जताते हैं, लेकिन वन विभाग बंदरों के आतंक को खत्म करने की कोई कारगर तरकीब अब तक नहीं खोज पाया है। समस्या का कारगर समाधान होता तो आईटीबीपी के जवानों को भालू की पोशाक पहनकर ना घूमना पड़ता।