उत्तराखंड चमोलीSpecial interview of IAS swati S bhadauria

पहाड़ में एक DM ऐसी भी..अपने बच्चे को आंगनबाड़ी भेजा, स्कूली बच्चों को दिलाई बस..देखिए वीडियो

चमोली जिले की जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया ने राज्य समीक्षा से खास बातचीत की है। आइए आपको इस वीडियो इंटरव्यू के जरिए उनके बेमिसाल कामों के बारे में बताते हैं...देखिए उनका पूका इंटरव्यू

IAS Swati Bhadauriya: Special interview of IAS swati S bhadauria
Image: Special interview of IAS swati S bhadauria (Source: Social Media)

चमोली: डीएम या जिलाधिकारी का मतलब ऐशो आराम की ज़िंदगी और खूब सारा पैसा। शायद ऐसा ही हम सब किसी बड़े सरकारी अफसर के बारे में सुनते होंगे। मगर चमोली की डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट swati S bhadauria इन तमाम धारणाओं को गलत साबित करती हैं और ज़मीनी स्तर पर रह कर काम करती हैं। वे डीएम के साथ साथ एक माँ भी हैं और बता दें कि एक पूरा जिला जिनके हाथ में है उनके बच्चे का सरकारी आंगनवाड़ी में पढ़ना बहुत से लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत है। इसी प्रेरणा के स्त्रोत से बात करी राज्य समीक्षा ने और बातचीत का वीडियो ज़ाहिर। आइये जानते हैं बातचीत के कुछ मुख्य बिंदु। साथ ही उनका इंटरव्यू भी देखिए।
स्वरोजगार से मजबूत हुई अर्थव्यवस्था
डीएम स्वाति भदौरिया ने बताया कि चमोली जिले की ज़िम्मेदारी उनके ऊपर आने के बाद उन्होंने चमोली को अच्छे से जाना। रोज़गार की बात करें तो डीएम स्वाति ने स्वरोजगार की बात करी। उन्होंने बताया कि चमोली में पर्यटन बहुत अच्छा है और अर्थव्यवस्था का अधिकांश हिस्सा पर्यटकों के द्वारा ही चमोली में आता है। इसी के चलते बद्रीनाथ में उन्होंने "पंच बद्री प्रसादम" की पहल शुरू की। इस पहल के चलते पांच मुख्य चीजों (चौलाई के लड्डू, घर पर बनीं धूपबत्तियाँ, बद्री तुलसी, गुलाब जल, सरस्वती जल) को इकट्ठा करके पंच बद्री प्रसादम बनाया गया है। यह सब चीज़ो को स्वरोजगार के तहत ही बनाया जाता है और जिसकी बिक्री बहुत ही अच्छी है। साथ ही साथ चमोली के स्थानीय कलाकारों को भी डीएम स्वाति भदौरिया ने स्वरोजगार की शानदार पहल में शामिल किया है। उनकी मानें तो वे उन कलाकारों से छोटे-छोटे मोमेन्टो बनवा रहे हैं, जो कि विदेश से आये मेहमान बहुत पसंद कर रहे हैं और उनकी बिक्री भी बहुत अच्छी होती है जिससे जिले की अर्थव्यवस्था में सर्वदा बढ़ोतरी होती रहती है। आगे देखिए उनका पूरा इंटरव्यू

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आंगनबाड़ियों की बदली सूरत
जब हम शिक्षा की बात करते हैं तो हम हर वर्ग के लोगों को अच्छी शिक्षा का बराबर मौका देते हैं। चाहे वो मध्यम वर्गीय परिवार से नाता रखता हो या गरीब वर्ग से। डीएम स्वाति भदौरिया ने इसी बात का ख्याल रखते हुए चमोली की आंगनवाड़ीयों में काफी सुधार किए। अगर शुरुआती उम्र में ही ध्यान न दें तो बच्चे की बेस एजुकेशन कमज़ोर रह जाती है, इसलिये डीएम स्वाति ने आंगनवाड़ियों को बच्चों के अनुकूल बनाने में काफी सहयोग किया। आपको बता दें कि एक आम तौर पर जिलाधिकारी अपने बच्चों को महंगे से महंगे स्कूल में भेजते हैं और कोशिश करते हैं कि उनके बच्चे को सब सुविधाएं मिलें। मगर यहां डीएम स्वाति ने अपने बच्चे का दाखिला आंगनवाड़ी में करवा कर इस सोच को गलत साबित कर दिया है। हम में से अधिकांश लोग आंगनवाड़ियों के लिए गलत धारणा बना कर बैठे होते हैं। हमें लगता है कि वहां सुविधाओं की कमी होगी। डीएम स्वाति ने इस सोच को भी गलत साबित करते हुए चमोली के आंगनवाड़ियों को वो सब उपलब्ध कराया है जो कि आम तौर पर निजी प्लेस्कूल करते हैं। स्वाति के हिसाब से हर बच्चे को शिक्षा का पूरा अधिकार है और इस अधिकार को उससे कोई नहीं छीन सकता। उन्होंने बच्चों के लिए हर सुविधा वहां उपलब्ध कराई है। उनके खाने से लेकर, खेलने का ध्यान, पढ़ाई का ध्यान बहुत अच्छे से रखा जा रहा है। उन्होंने अपने बेटे का आंगनवाड़ी में दाखिला करा कर उन्होंने कई बड़े-बड़े लोगों के सामने मिसाल पेश करी और लोगों की ये सन्देश भी दिया कि बड़े पद पर आने का मतलब हर चीज़ में दिखावा करना नहीं होता। ज़मीनी स्तर पर जो अफसर काम करते हैं वही सही मायनों में जनता के सेवक कहलाते हैं। आगे देखिए उनका पूरा इंटरव्यू

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उ च्च शिक्षा का अधिकार है सबको
क्योंकि खुद डीएम स्वाति ने यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण करके यह उच्च पद हासिल किया है शायद इसलिए वो उच्च शिक्षा का महत्व समझ पा रही हैं और चाह रही हैं कि चमोली का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। उन्होंने बच्चों के अच्छे भविष्य के लिए मुफ्त क्लासेस का प्रबंध भी कर रखा है। जो बच्चे किसी परीक्षा में बैठने के इच्छुक हैं या जो यूपीएससी क्रैक करने के सपने देखते हैं यह क्लासेस उन्हीं बच्चों को परीक्षाओं के लिए तैयार करती है। डीएम स्वाति जब अपने पढ़ाई के दिनों की बात करती हैं तो कहती हैं कि उनको ये सुविधाएं कभी नहीं मिलीं। उन्होंने जो भी किया मेहनत से किया। वो चाहती हैं कि जो समस्या उनको उनके स्ट्रगल के दिनों में आई वो चमोली के बच्चों के आगे न आये
कुल मिला कर राज्य समीक्षा के हुई इस सार्थक बातचीत में उन्होंने हर मायनों में ज़मीनी स्तर पर बात की, विकास के बारे में बात की, और बहुत ही सहजता से अपनी बात की। आप भी देखिए डीएम स्वाति swati S bhadauria का इंटरव्यू खास राज्य समीक्षा के यूट्यूब पर
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