ऋषिकेश: उत्तराखंड में जंगली जानवरों का खौफ अक्सर रहता है और कई बार तो स्कूलों में तेंदुए जैसे जंगली जानवरों के घुसने की खबर भी आती हैं। ऋषिकेश में श्यामपुर के गुमानीवाला स्थित डीएसबी इंटरनेशनल स्कूल में मंगलवार को ऐसी ही एक खतरनाक घटना सामने आई है। तकरीबन 6 बजे जब डीएसबी इंटरनेशनल स्कूल का चौकीदार स्कूल के एकेडेमिक एरिया की लाइट बन्द करने जा रहा था तभी अचानक तेंदुए Rishikesh Leopard ने उस पर हमला कर दिया। चौकीदार ने जैसे तैसे जान बचा कर इसकी सूचना वन विभाग की टीम को दी। मौके पर पहुँची रेस्कयू टीम ने रेस्कयू ऑपरेशन से इस तेंदुए को अपनी चपेट में लिया। तेंदुए को पकड़ने की मशक्कत के दौरान एक वनकर्मी घायल भी हो गया है जिसको एम्स में भर्ती कराया गया है। आगे पढ़िए
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लम्बी मशक्कत के बाद तेंदुए को शिकंजे में लिया गया जिसके बाद उसे रेस्कयू सेन्टर चिड़ियापुर ले जाया गया। वन क्षेत्राधिकारी आरपीएस रावत के अनुसार तेंदुए की उम्र तकरीबन 6 वर्ष होगी और वो काफी स्वस्थ्य लग रहा था। सम्भवतः यह सोमवार को स्कूल की बाउंड्री को लांघ कर परिसर में किसी तरह प्रवेश कर गया होगा। मिली जानकारी के मुताबिक तकरीबन सुबह 6 बजे सकूल का चौकीदार एकेडमिक ब्लॉक में लाईट बन्द करने गया। तभी अचानक नीचे सीढ़ियों पर छुपे हुए तेंदुए ने मौका देख कर चौकीदार के ऊपर हमला कर दिया। अपने सामने तेंदुए को देख कर गार्ड के होश उड़ गए। वो किसी तरह अपनी जान बचा कर भागने में कामयाब हुआ और तुरन्त बाहर निकल कर भवन के गेट को लॉक कर दिया। आगे पढ़िए
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चौकीदार ने स्कूल में तेंदुए के घुसने की सूचना तुरंत वन विभाग को दी। सूचना पाते ही वन विभाग की पूरी टीम घटनास्थल पर पहुँची। तेंदुए के सीढ़ी के नीचे छुपे होने के कारण टीम ने ऊपर की मंज़िल पर कांच की बाउंड्री तोड़ कर बिल्डिंग में प्रवेश किया। वन कर्मियों को खूब परेशान करने के बाद आखिरकार वो उनके चंगुल में आया। तेंदुए Rishikesh Leopard को पकड़ने के लिए डीएफओ (देहरादून) राजीव धीमान सहित दो एक्सपर्ट चिकित्सक पहुंचे। साथ ही पशु चिकित्सक अधिकारी, देहरादून जू के डॉक्टर राकेश नौटियाल भी मौके पर पहुंचे। आखिरकार कड़ी मशक्कत के बाद शाम पांच बजे तेंदुए को ट्रेंकुलाइज करकर शिकंजे में लिया गया। राहत की बात ये है कि ये घटना तब हुई जब स्कूल में कोई नहीं था। लॉकडाउन की वजह से सब बच्चों की छुट्टियां कर दी गयीं। अगर यह तेंदुआ बच्चों की उपस्थिति में स्कूल परिसर में प्रवेश करता तो स्कूल की सुरक्षा प्रणाली पर कई सवाल खड़े हो जाते।