हल्द्वानी: जब मुश्किल परिस्थितियां आती हैं तो इंसान को इंसान का ही सहारा होता है। मनुष्य योनि में जन्म लेने का मकसद ही दूसरों के सुख-दुख में साथ देना होता है। दुख में जो साथ रहता है, कठिन परिस्थितियों में जो दूसरों की मदद करता है वही सच्चे मामले में इंसान कहलाने लायक है, वरना तो सब मात्र भीड़ का एक हिस्सा हैं। वैश्विक महामारी और त्रासदी का रूप ले चुके इस कोरोना से देश को आर्थिक रूप से कितना नुकसान हो रहा है उससे सभी परिचित हैं। 21 दिनों के लिए समस्त भारत लॉकडाउन है। इसी जीवन और मौत की जंग के बीच कुछ लोग ऐसे हैं जो इंसानियत की मिसाल दे रहे हैं। ऐसे ही लोगों से देश का भविष्य रौशन होगा और ऐसे ही लोग न जाने कितनों को प्रेम और सद्भावना की अहमियत सिखा जाते हैं। खुद से पहले दूसरों के लिए सोचने वाले लोग एक उम्मीद की किरण है। उत्तराखंड के हल्द्वानी में भी ऐसे ही कुछ युवाओं से आज हम आपका परिचय कराने वाले हैं। आगे पढ़िए
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हल्द्वानी में रहने वाले पेशे से सिविल-मैकेनिकल इंजीनियर युवाओं ने कुछ कॉलेजों के छात्रों और समाजसेवियों के के साथ मिलकर बस्तियों तक राहत सामग्री पहुंचाने का ज़िम्मा उठाया है। हम सब यह जानते ही हैं कि कोरोना ने गरीब एवं मजदूर वर्ग को संकट में लाकर रख दिया है। ऐसे समय मे सबसे अधिक ज़रुरत इन्हीं लोगों को होती है क्योंकि रोज़मर्रा की कमाई बन्द होने के कारण इनको आर्थिक तंगी झेलनी पड़ती है। कभी-कभी तो यर लोग खाने तक के लिए पैसे नहीं जुटा पाते। ऐसे ही लोगों की मदद के लिए सामने आ रहे हैं हल्द्वानी के कुछ युवा। बता दें कि लॉकडाउन के चलते इन युवाओं का भी रोजगार ठप पड़ा हुआ है और सभी घर पर ही हैं। मगर दूसरों की मदद करने का जुनून ऐसे लोगों में कम नहीं हो सकता। शायद यही कारण है कि वे सरकार से किसी भी प्रकार की आर्थिक सहायता न मिलने के बावजूद, अपनी ही कमाई और जेबखर्च से ज़रूरतमन्दों के लिए राशन जुटा रहे हैं।
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