उत्तराखंड देहरादूनUttarakhand modal coronavirus

अब उत्तराखंड मॉडल की देशभर में चर्चा, कोरोना वायरस से जंग में मिला बड़ा हथियार

बात तो सच है कि अब हर जगह उत्तराखंड मॉडल की चर्चा होने लगी है। आइए अब आपको बताते हैं कि आखिर उत्तराखंड मॉडल क्या है।

Coronavirus in Uttarakhand: Uttarakhand modal coronavirus
Image: Uttarakhand modal coronavirus (Source: Social Media)

देहरादून: 5 दिन बीत चुके हैं और उत्तराखंड के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। जी हां इतने दिनों से उत्तराखंड में कोरोना पॉजिटिव एक भी केस सामने नहीं आया है। ऐसे में उत्तराखंड मॉडल की अब देशभर में चर्चा होने लगी है। उत्तराखंड में अब तक 35 मरीज कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए। अच्छी बात यह है कि इनमें से 7 मरीज स्वस्थ हो गए हैं और अस्पतालों से छुट्टी ले चुके हैं। यानी अब सिर्फ 28 मरीज अस्पतालों में आइसोलेट किए गए हैं। 100 घंटे बीत चुके हैं और उत्तराखंड में एक भी कोरोना से संक्रमित मरीज सामने नहीं आया है। इसके अलावा सबसे बड़ी बात यह है कि ज्यादातर सैंपल की रिपोर्ट नेगेटिव आ रही है और उत्तराखंड की त्रिवेंद्र सरकार के फार्मूले और सक्रियता की चर्चा होने लगी है। सबसे खास बात है यहां की जागरूक जनता। अब सवाल यह है कि आखिर उत्तराखंड मॉडल क्या है? आगे पढ़िए

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जिस तेजी के साथ उत्तराखंड में है सरकार और प्रशासन ने मिलकर काम किया तारीफ के काबिल है। लॉकडाउन के तुरंत बाद तबलीगी जमात से जुड़े लोग सामने आने लगे थे। देश के लगभग हर राज्य में हड़कंप मच गया था। उत्तराखंड भी इससे अछूता नहीं रहा और देखा गया है कि उत्तराखंड में जितने भी कोरोना पॉजिटिव के सामने आए हैं उनमें से ज्यादातर तबलीगी जमात से जुड़े लोग ही हैं। ऐसे में उत्तराखंड सरकार के साथ-साथ पुलिस इंटेलिजेंस और सुरक्षा एजेंसियों ने जिस तेजी के साथ जमात से जुड़े लोगों को चिन्हित किया, उससे प्रदेश में इस खतरनाक वायरस के फैलने का खतरा कम हो गया। यह बात भी देखी गई है कि उन जगहों को पूरी तरीके से सील किया गया जहां कोरोना संक्रमण की थोड़ी सी भी संभावना थी। बीच में सरकार द्वारा कुछ बड़े फैसले भी लिए गए, इस बीच जनता ने भी मिसाल कायम की। आगे पढ़िए

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जहां कर्फ्यू लगवाना था वहां कर्फ्यू लगाया गया। उत्तराखंड में फिलहाल करीब 3 हजार लोगों को इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन किया गया है। गढ़वाल मंडल और कुमाऊं मंडल में रेस्ट हाउसेस को क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया। करीब 20,000 की क्षमता वाले 600 सेंटर चयनित कर लिए गए। NDRF और SDRF मिलकर सेंटर्स को लेकर ट्रेनिंग भी दे रहे हैं। हालांकि इस बीच उत्तराखंड में हॉटस्पॉट की संख्या भी बढ़ी है। यहां सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया गया है। कुल मिलाकर कहें तो अभी तक कोरोना से जंग में उत्तराखंड जीत रहा है। उम्मीद है कि आगे भी उत्तराखंड कोरोना वायरस को पटखनी देगा। खासतौर पर उत्तराखंड की जनता को सलाम...इस जनता ने दिखाया कि कोरोना से जंग में एकजुट कैसे होना है। उत्तराखंड में बहुत सारे गांव ऐसे हैं, जहां लोगों ने खुद ही सील कर दिया। सलाम उत्तराखंड