उत्तराखंड हरिद्वारLockdown positive impact ganga river water seen crystal clean

उत्तराखंड: लॉकडाउन से खुश है ‘प्रकृति मां’, हरिद्वार में पीने लायक हुआ गंगा का पानी

गंगा नदी की सेहत सुधारने के लिए अब तक करोड़ों रुपये खर्च किए गए, लेकिन जो नतीजे लॉकडाउन के दौरान देखने को मिले। वो पहले कभी नहीं देखे गए, हरिद्वार-ऋषिकेश की ये तस्वीरें आपका मन मोह लेंगी...

Haridwar Ganga: Lockdown positive impact ganga river water seen crystal clean
Image: Lockdown positive impact ganga river water seen crystal clean (Source: Social Media)

हरिद्वार: लॉकडाउन के चलते पर्यावरण की सेहत सुधरने लगी है। प्रकृति खुलकर सांस लेने लगी है। हरिद्वार और ऋषिकेश में गंगा का पानी अब पीने लायक हो गया है। यहां नदी इतनी साफ हो गई है कि चमचमाते पानी के साथ जमीन की सतह भी साफ नजर आने लगी है। लॉकडाउन के चलते मॉल, मार्केट, टूरिस्ट प्लेसेज और सभी तरह की व्यावसायिक गतिविधियां बंद हैं। जिसके चलते प्रकृति को अपनी मरम्मत करने का मौका मिल गया है। एक्सपर्ट्स की मानें तो लॉकडाउन के दौरान गंगा के पानी की क्वालिटी में बहुत सुधार हुआ है। एक रिपोर् कहती है कि इस दौरान गंगा का पानी इतना शुद्ध हुआ है कि आप हरिद्वार में भी इसे बिना फिल्टर के पी सकते हैं। पिछले कई साल से गंगा की सेहत सुधारने के लिए आंदोलन चलाए जा रहे हैं, कई योजनाएं चल रही हैं, जिन पर करोड़ों रुपये खर्च कर दिए गए, लेकिन जो नतीजे लॉकडाउन के दौरान देखने को मिले। वो पहले कभी नहीं देखे गए।

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लॉकडाउन के दौरान इंडस्ट्रीज बंद हैं। जिससे फैक्ट्रियों का कचरा गंगा में पहुंचना बंद हो गया है। एन्वॉयरमेंटल साइंटिस्ट और गुरुकुल कांगड़ी यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रोफेसर बीडी जोशी कहते हैं कि लंबे समय बाद गंगा का पानी आचमन लायक स्वच्छ हुआ है। इंडस्ट्रीज का कचरा, होटल्स और लॉज की गंदगी अब गंगा को मैला नहीं कर रही। हरिद्वार और ऋषिकेश में मानव गतिविधियां कम होने के अच्छे नतीजे दिख रहे हैं। पीसीबी के अधिकारी भी नतीजों से उत्साहित हैं। अधिकारियों ने कहा कि गंगा की सफाई में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का भी अहम योगदान है। कुल मिलाकर लॉक-डॉउन के सहारे प्रकृति ने सारी दुनिया को एक सकारात्मक संदेश देने की कोशिश की है। हमें इस संदेश को समझने की जरूरत है। इन दिनों देश के ज्यादातर शहरों में हवा साफ हो गई है। जिन महानगरों में आसमान धुएं से काला नजर आता था, वहां अब नीला आकाश दिखने लगा है। बच्चे आकाश में तारों को टिमटिमाते देख सकते हैं। पक्षी कलरव करने लगे हैं। बेशक यह कुछ ही दिनों के लिए है। लेकिन पर्यावरणविद इसे प्रकृति के संरक्षण के लिए एक अच्छी पहल मान रहे हैं।