हल्द्वानी: कोरोना को लेकर अच्छी खबरें कम हैं, बुरी खबरें ज्यादा। लेकिन हमारा मानना है कि बेहतरी की उम्मीदें कायम रहनी चाहिए। संकट के वक्त में यही उम्मीदें हमारा हौसला बनी हुई हैं। कोरोना प्रकोप को लेकर ज्योतिषाचार्यों ने एक राहतभरी खबर दी है। ज्योतिषाचार्यों ने कहा कि दुनियाभर पर छाई कोरोना विपत्ति के लिए ग्रहों की स्थिति भी काफी हद तक जिम्मेदार है। बात करें भारत की तो अगले कुछ दिन मुश्किल भरे रहेंगे, लेकिन 15 अप्रैल के बाद कोरोना का प्रकोप कम होने के आसार बनने लगेंगे। कोरोना के चलते दुनियाभर में किस तरह के हालात बने हुए हैं, ये तो आप जानते ही हैं। किसी की जॉब चली गई तो कोई अपने परिवार से दूर रहकर मुसीबत के टलने का इंतजार कर रहा है। वैज्ञानिक, डॉक्टर, प्रशासन, सरकारें...सब मिलकर इस चुनौती से निपटने में जुटे हैं। ज्योतिषाचार्यों की मानें तो महामारी के लिए ग्रहों की स्थिति भी काफी हद तक जिम्मेदार है। आगे पढ़िए क्योंकि इस तर्क के लिए ज्योतिषाचार्यों के पास मजबूत आधार भी हैं।
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हल्द्वानी के श्री महादेव गिरि संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी ने मीडिया को बताया कि 25-27 दिसंबर 2019 तक षडग्रही योग बना था। जिससे कोरोना महामारी की शुरुआत हुई। 23 मार्च को मकर में मंगल का प्रवेश हो गया। मकर राशि में शनि और गुरु पहले से मौजूद थे। इन तीनों ग्रहों का मेल शुभकारक नहीं माना जाता। डॉ. नवीन जोशी ने एक राहतभरी खबर भी दी। उन्होंने कहा कि 14 अप्रैल को मेष संक्रांति के साथ राहत मिलनी शुरू हो जाएगी। मेष संक्रांति की कुंडली अच्छे समय का संकेत कर रही है। सूर्य अपनी उच्च राशि में आएंगे तो उनका प्रभाव शुरू हो जाएगा। मई के पहले सप्ताह में महामारी का प्रभाव क्षीण होने लगेगा, 4 मई को मंगल भी राशि बदलेंगे। इसके बाद कोरोना का असर कम होना शुरू हो जाएगा, लोग राहत महसूस करेंगे। ज्योतिष गणित के मुताबिक कोरोना का असर सितंबर तक बने रहने के संकेत मिल रहे हैं।