उत्तराखंड चम्पावतChampawat Young lad traveled 60 days to reach home

उत्तराखंड: इस युवक को घर पहुंचने में लगे 60 दिन, 4 बार होना पड़ा क्वारेंटाइन

ईरान से उत्तराखंड तक के सफर में प्रवीण को जिन तकलीफों का सामना करना पड़ा, उसके बारे में आप सोच भी नहीं सकते। मर्चेंट नेवी में कार्यरत इस युवक को 60 दिन में 4 बार क्वारेंटीन होना पड़ा, वो अब भी क्वारेंटीन पीरियड खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं...

Uttarakhand Lockdown: Champawat Young lad traveled 60 days to reach home
Image: Champawat Young lad traveled 60 days to reach home (Source: Social Media)

चम्पावत: अपनों की चिंता और घर पहुंचने की चाह लोगों से क्या-क्या नहीं करा रही। अब उत्तराखंड के चंपावत में ही देख लें, जहां युवक को ईरान से उत्तराखंड पहुंचने में 60 दिन लग गए। घर पहुंचने से पहले युवक को चार बार क्वारेंटीन होना पड़ा। फिलहाल वो चंपावत में क्वारेंटीन है। युवक का नाम प्रवीण बुराठी है। 32 साल के प्रवीण मर्चेंट नेवी में काम करते हैं। प्रवीण का परिवार चंपावत के खटोली में रहता है। 28 फरवरी को उन्हें ईरान से वतन लौटना था, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते उनकी यात्रा अटक गई। खैर प्रवीण किसी तरह ईरान से इंडिया तो पहुंच गए, लेकिन वहां से घर तक पहुंचते-पहुंचते उन्हें 60 दिन लग गए। 3551 किलोमीटर के इस सफर के दौरान उन्हें 4 बार क्वारेंटीन होना पड़ा। लॉकडाउन के चलते प्रवीण को जिन तकलीफों का सामना करना पड़ा, उसे वो कभी भूल नहीं पाएंगे। खैर मंगलवार को प्रदीप चंपावत पहुंचे तो उन्हें यहां भी क्वारेंटीन होना पड़ा।

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प्रवीण ने बताया कि ईरान से दिल्ली पहुंचने पर उन्हें तुरंत राजस्थान के आर्मी कैंप भेज दिया गया था। वो राजस्थान में दो बार क्वारेंटीन रहे। वहां पास बनाने में तीन दिन और लग गए। 23 अप्रैल को वो राजस्थान से दिल्ली पहुंचे, वहां से 30 हजार रुपये में गाड़ी बुक की। यूपी के हापुड़ में उन्हें एक बार फिर रोक लिया गया था पर वो किसी तरह मेरठ होते हुए मंगलवार को चंपावत पहुंच गए। इससे पहले प्रवीण ईरान में भी 14 दिन तक क्वारेंटीन रहे थे। ईरान से दिल्ली की हवाई दूरी 2278 किमी, दिल्ली से राजस्थान की दूरी 425 किमी, राजस्थान से दिल्ली 425 किमी और दिल्ली से चंपावत की दूरी 423 किमी है। इस तरह कुल 3551 किलोमीटर के सफर के दौरान प्रवीण ने जिन तकलीफों का सामना किया, उसका आप और हम अंदाजा भी नहीं लगा सकते। अब वो चंपावत में क्वारेंटीन हैं, और क्वारेंटीन अवधि खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं, ताकि दर्द और परेशानी का ये सिलसिला जल्द ही खत्म हो सके।