उत्तराखंड पिथौरागढ़Story of martyr shankar singh mahra pithoragarh

उत्तराखंड: ‘मां..फायरिंग हो रही है, बाद में फोन करूंगा’..ये कहकर शहीद हुआ शंकर..देखिए वीडियो

मां फायरिंग शुरू हो गई है, बाद मैं फोन करुंगा ' यह थे देश की रक्षा के लिए अपनी शहादत देने वाले गंगोलीहाट के शंकर सिंह के अंतिम शब्द। देखिए भाव विभोर कर देने वाला वीडियो..

Shaheed Shankar Mahra: Story of martyr shankar singh mahra pithoragarh
Image: Story of martyr shankar singh mahra pithoragarh (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: 'मां फायरिंग शुरू हो गई है, बाद मैं फोन करुंगा '। यह थे शहीद शंकर सिंह महरा के अपनी मां को कहे अंतिम शब्द जिसके बाद वो सदा-सदा के लिए मौन हो गए। उनकी मां बेटे के फोन का इंतजार करती रही मगर उनको क्या पता था कि बेटा वीरगति को प्राप्त हो चुका है। हम बात कर रहे हैं देश की रक्षा के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट स्थित नाली गांव के निवासी शंकर सिंह की। देश के लिए जान कुर्बान करने वाले नायक शंकर सिंह अपने पीछे मां, पिता, बीवी और छोटे बच्चे को बिलखता हुआ छोड़ कर चले गए हैं। उनके गांव में किसी को भी यकीन नहीं हो रहा है कि शंकर अब इस दुनिया में नहीं रहे। भारतीय सेना की कुमाऊं रेजीमेंट के शंकर सिंह पाकिस्तान की तरफ से हुई गोलीबारी में शहीद हो गए जिसके बाद से उनके परिजनों और गांव वालों की आंखें नम हैं। शंकर का पार्थिव शव गांव आया तो हर किसी की आंखें नम हो गई। आगे देखिए वीडियो..

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5 जनवरी 1989 को गंगोलीहाट के नाली गांव में जन्में शंकर सिंह 23 मार्च 2010 को 21 कुमाऊं रेजीमेंट में भर्ती हुए थे। देश की सेवा के लिए सदैव तत्पर शंकर सिंह ने सात वर्ष पूर्व इंद्रा से विवाह किया था। उनका एक 6 साल को छोटा बेटा हर्षित भी है। इतनी विकट परिस्थितियों में भी वह हर रोज अपने परिवार वालों से उनकी सुध लिया करते थे। मां जानकी देवी के लाडले बेटे शंकर अपनी शहादत के ठीक पहले तक अपनी मां से बात करते रहे। रोजाना की तरह उन्होंने मां को बताया कि आजकल सीमा पर गोलीबारी काफी बढ़ गई है। बातचीत के दौरान उन्होंने अपनी मां से कहा कि फायरिंग शुरू हो गई है, मैं आपसे बाद में बात करता हूं। मां के लाडले ने अंतिम क्षण में भी मां से ही बात करी और वीरगति को प्राप्त हो गया। शंकर के शहीद होने के की खबर पा कर शनिवार की सुबह गांव के लोग उनके घर पहुंचे..शंकर की मां को पता लगा कि उनका जिगर का टुकड़ा अब सदा-सदा के लिए उनसे दूर हो चुका है। यह दुखद समाचार मिलते ही वह गश खा कर गिर पड़ीं। तब से वह पूरी तरह बदहवास हैं। उनको यकीन ही नहीं हो रहा है कि उनका बेटा अब उनसे दूर जा चुका है। शंकर की पत्नी का भी रो-रो कर बुरा हाल है। वह भी पति की शहादत के बाद बेसुध पड़ी हुई हैं। बार-बार खुद को दिलासा दे रही हैं कि अब उनका फौजी पति कभी वापस नहीं आएगा। आगे देखिए वीडियो..

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शहीद शंकर का एक 6 साल का बच्चा भी है जिसके ऊपर से पिता का साया उठ चुका है और उसे इस बात का आभास तक नहीं है। शंकर और उनके छोटे भाई नवीन सिंह दोनों ही अपने पिता और दादा के नक्शेकदम पर सेना में भर्ती हुए थे। उनके पिता और दादा दोनों ही सैन्य पृष्ठभूमि से नाता रखते थे। उनके छोटे भाई नवीन भी इस समय जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं। वह परिवार से अंतिम बार जनवरी में मिले थे। शंकर सिंह ने जिस बहादुरी से दुश्मनों से लोहा लिया और अंत तक लड़े उस पर समस्त उत्तराखंड को और देश को गर्व है। उनकी यह शहादत हमेशा-हमेशा के लिए याद रखी जाएगी।

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