पिथौरागढ़: पिथौरागढ़ में एक शर्मनाक मामला सामने आया है। बाल मजदूरी कराने वाले एक परिवार के ऊपर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दिया है साथ ही पीड़िता बच्ची को सकुशल उस परिवार के चंगुल से रिहा कर दिया है। यह समाज जितना आधुनिक बनने का दिखावा करता है अंदर से उतना ही खोखला और पिछड़ा हुआ है। शायद यही कारण है कि बाल मजदूरी आज भी कराई जाती है और वो भी पढ़े-लिखे लोगों के द्वारा। पिथौरागढ़ के जिला मुख्यालय में एक परिवार द्वारा एक 11 साल की मासूम नाबालिक बच्ची का बचपन 2 साल से कुचला जा रहा था। बच्ची से दो साल से जबरन मजदूरी कराई जा रही थी और उस के साथ मारपीट और अभद्र व्यवहार भी किया जाता था। पिथौरागढ़ पुलिस ने परिवार के ऊपर विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया है।
ये भी पढ़ें:
यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: 10 जिलों में कल से मिलेंगी ये राहतें, 2 मिनट में पढ़िए जरूरी खबर
पिथौरागढ़ की जगदंबा कॉलोनी की निवासी सीता नेगी पिछले 2 सालों से 11 साल की नाबालिग बच्ची से बाल मजदूरी करा रही हैं। उनपर यह भी आरोप है कि वह उससे जबर्दस्ती घर का काम करवाती हैं और उसके साथ अभद्र व्यवहार भी करती हैं। 11 साल की बच्ची के साथ आए दिन मारपीट भी होती रहती थी। बच्ची के साथ हद से ज्यादा बुरा बर्ताव किया जाता था और उसकी हालत बेहद दयनीय थी। वो तो अच्छा हुआ कि किसी ने इस मामले की शिकायत पुलिस को करदी। मामले की सूचना मिलते ही पिथौरागढ़ की एसपी प्रीति प्रियदर्शनी मौके पर वहां पहुंची और बच्ची को बरामद किया। एसपी प्रीति प्रियदर्शनी ने बताया कि बाल मजदूरी कराने वाले परिवार के खिलाफ धारा-323, 3/14 बाल श्रम और विनियम/अधिनियम और संशोधन अधिनियम-2016 के तहत मुकदमा दर्ज कर दिया गया है।