उत्तराखंड अल्मोड़ाUttarakhand rain someshwar valley

उत्तराखंड: जबरदस्त बारिश से सोमेश्वर घाटी बेहाल, सब कुछ तहस-नहस

मौसम की मार ने उत्तराखंड के किसानों का रोजगार तहस-नहस कर दिया है। एक तो लॉकडाउन, ऊपर से बेमौसम की बरसात ने किसानों के सामने आर्थिक संकट भी खड़ा कर दिया है।

Uttarakhand rain: Uttarakhand rain someshwar valley
Image: Uttarakhand rain someshwar valley (Source: Social Media)

अल्मोड़ा: मौसम ने इस बार हाल बेहाल कर रखा है। प्रकृति अपने रौद्र रूप का प्रदर्शन कर रही है जो कि भयावह है। मई माह में वर्षा का कोई औचित्य नहीं मगर फिर भी 5 मई को उत्तराखंड राज्य में भारी वर्षा हुई और वर्षा के साथ-साथ ओलावृष्टि हुई जिससे कई किसानों के उम्मीदों पर और रोजगार पर पानी फिर गया है और उनके ऊपर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। जैसे-तैसे किसानी करके अपना गुजारा कर रहे गढ़वाल और कुमाऊं के किसानों के ऊपर बीते मंगलवार को हुई बारिश कहर बन कर बरसी। उनकी खेती और फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं। हम शहरों में बैठ कर इस समय यह अंदाजा भी नहीं लगा सकते कि उत्तराखंड के किसानों के ऊपर इस समय क्या बीत रही होगी। सोमेश्वर घाटी में बादल फटने से किसानों की फसल पूरी तरह से तहस-नहस हो गई है। कुमाऊं के सोमेश्वर घाटी में हुई अतिवृष्टि से कई घरों और गौशालाओं को नुकसान झेलना पड़ रहा है। पहले ही लॉकडाउन के कारण उनको आर्थिक संकट झेलना पड़ रहा था ऊपर से बारिश ने और कहर बनकर कुमाऊं के जन-जीवन को तहस नहस कर दिया है। कुछ मवेशियों की मौत भी हो गई है।

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बारिश का सबसे अधिक कहर फसलों पर दिखा है। दुनागिरी में भी साग-सब्जी, धनिया, मटर, फल समेत सभी फसलें बर्बाद हो गई हैं। गनाई तहसील के 42 ग्राम पंचायतों में हुई भारी ओलावृष्टि से आम, लीची, खीरा, नींबू, अंगूर आदि फल भी तहस-नहस हो गए हैं। इस बेमौसम की बारिश से सेब की पैदावार को भी भारी नुकसान हुआ है। कनालीछीना विकासखंड के मुगरौली गांव में घरों के अंदर तक बारिश का पानी घुस गया है। उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में कुछ दिनों से लगातार हो रही वर्षा के कारण फसल के साथ-साथ लोगों का जन-जीवन भी तबाह हो गया है। हल्द्वानी के गौला नदी में भयंकर उफान आ गया, जिसके दौरान कई लोग नदी में फंस गए। मैदानी इलाकों के निवासी भी इससे बच नहीं पाए। वहां के नदी-नाले उफान पर आ गए। कुछ स्थानों पर सड़क मार्ग भी ध्वस्त हो गए थे। कई इलाकों में तो बाढ़ के हालात बन गए हैं। कई मवेशियों की मृत्यु हो गई है और कई पर्वतीय क्षेत्रों में विद्युत सेवा भी बाधित हो गई है।