उत्तराखंड नैनीतालWorker coming to sdm court haldwani for ten days

उत्तराखंड: पिता की तेरवीं में जाने के लि‍ए 10 दिन से लाइन में खड़ा है मजदूर..साथ में पत्नी और बच्चे

पत्नी और बच्चों के साथ दस दिनों से पास बनवाने के लिए घंटों-घंटों लाइन में लग रहा है मगर अभी तक उस मजदूर को पास नहीं मिल पाया है।

Haldwani News: Worker coming to sdm court haldwani for ten days
Image: Worker coming to sdm court haldwani for ten days (Source: Social Media)

नैनीताल: उत्तराखंड में आजकल बाहरी राज्यों से तो प्रवासी लौट कर आ ही रहे हैं वहीं उत्तराखंड में रह रहे दूसरे राज्यों के लोग वापस अपने राज्य की तरफ जा भी रहे हैं। यूं तो सरकार ने कह दिया है कि पास बनाने का इंतजाम बहुत सरल हो गया है, सब लोग आसानी से पास बनवा सकते हैं। मगर यह तो हम सभी जानते हैं कि उपलब्ध सुविधा के ऊपर सबसे आखिरी हक गरीब का ही होता है। इसलिए कई लोग तो जुगाड़ करके पास बनवा रहे हैं और सकुशल अपने-अपने राज्य पहुंच रहे हैं, मगर उन मजदूरों का क्या जिनके पास खाने तक के पैसे नहीं हो पा रहे हैं। जो अपने घर-परिवार से दूर उत्तराखंड में मजदूरी करने आ रखे थे मगर लॉकडाउन की वजह से वापस नहीं जा पा रहे हैं। ऐसे में मजदूरों को घर वापसी के लिए कितनी मशक्कत करनी पड़ रही है यह हम सब बहुत अच्छे से जानते हैं। पास बनवाने के लिए उनको सैंकड़ों चक्कर मारने पड़ रहे हैं मगर हर समय उनके हिस्से में निराशा ही आती है। ऐसी ही कुछ हल्द्वानी में हुआ। दैनिक जागरण की खबर के मुताबिक हल्द्वानी के जवाहर नगर में एक मजदूर पिछले दस दिनों से अपनी पत्नी और अपने बच्चों के साथ राज्य वापसी हेतु पास बनवाने के लिए धक्के खा रहा है। आगे पढ़िए

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दस दिनों से उसके हिस्से में केवल निराशा ही आ रही है और उसका काम नहीं बन रहा है। पूरनपुर पीलीभीत, उत्तर प्रदेश का निवासी मजदूर उत्तराखंड के हल्द्वानी में अपने बीवी-बच्चों के साथ रहता है और मजदूरी करके उनका पेट पालता है। लॉकडाउन के दौरान उसके पिता का स्वर्गवास हो गया मगर वह पिता के अंतिम दर्शन करने जा नहीं पाया। मजदूर का कहना है कि पिता के अंतिम दर्शन वह नहीं कर पाया मगर तेरहवीं में शामिल होना चाहता है। मजदूर के पास इतने पैसे नहीं हैं कि वह टैक्सी करके घर चला जाए। आर्थिक तंगी भी है, परिवार की चिंता भी है, घर वापस जाना है, पेट मे अन्न नहीं है। ऐसी हालत में पास के लिए वह दस दिन से घंटों-घंटों लाइन में लग रहा है। इस आशा में कि अगर पास मिल गया तो किसी सब्जी के ट्रक में बैठ कर घर चला जाएगा। मगर दस दिनों से उसका काम बस टल ही रहा है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल उठता है कि इन मजदूरों को पास बनवाने के लिए इतनी जद्दोजहद क्यों करनी पड़ रही है वो भी तब जब सरकार ने कहा है कि पास बनाने की प्रक्रिया काफी आसान कर दी गई है। ऐसे में भी गरीब लोगों को पास मिलने में बेहद समस्या हो रही है जो कि चिंता का विषय है।