उत्तराखंड नैनीतालmountain range seen from bijnor to nainital

उत्तराखंड: लॉकडाउन में खिल उठी मदर नेचर, बिजनौर से नैनीताल की पहाड़ियां देखिए

बिजनौर (Bijnaur) में बारिश के बाद साफ हुए मौसम में प्रकृति का अद्भुत नजारा दिखा। यूपी से उत्तराखंड की पहाड़ियां नजर आने से लोग चहक उठे। ऐसी ही तस्वीरें सहारनपुर और मुजफ्फरनगर से भी आई हैं...देखिए तस्वीरें

bijnor to nainital: mountain range seen from bijnor to nainital
Image: mountain range seen from bijnor to nainital (Source: Social Media)

नैनीताल: कोरोना और इसके चलते लगे लॉकडाउन ने हमें कई नई बातें सिखाईं। लॉकडाउन के जरिए प्रकृति भी हमें पॉजिटिव संदेश देने की कोशिश कर रही है, अब बस जरूरत है तो इस संदेश को समझने की। लॉकडाउन के चलते पॉल्यूशन का स्तर इतना कम हो गया है कि उत्तर प्रदेश के बिजनौर से हिमालय की पर्वत श्रेणियां दिखने लगी हैं। किसने सोचा था कि कभी बिजनौर से भी नैनीताल (bijnor to nainital) के मनोरम दर्शन किए जा सकेंगे, पर ऐसा हो रहा है। ऊपर दिख रही तस्वीर उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले की है, जहां बारिश के बाद साफ हुए मौसम में प्रकृति का अद्भुत नजारा दिखा। जिले में विभिन्न स्थानों से उत्तराखंड की पहाड़ियां नजर आने से लोग चहक उठे। कुछ दिन पहले ऐसी ही तस्वीर Saharanpur से भी आई थी। जहां से शिवालिक रेंज की पर्वत श्रृंख्लाएं दिखने लगी हैं। मैदानी इलाकों में रहने वाले लोगों ने ऐसा नजारा पहले कभी नहीं देखा। आगे देखिए तस्वीरें

  • बिजनौर से दिखा हिमालय

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    कुल मिलाकर लॉकडाउन लगने के बाद प्रकृति खुलकर सांस लेने लगी है। पर्यावरण साफ होता जा रहा है। आसमान इतना साफ हो गया है कि यूपी के मुजफ्फरनगर, बिजनौर और सहारनपुर से हिमालय दिखने लगा है। ये वही जिले हैं, जहां प्रदूषित आबोहवा के चलते आसमान में तारे तक दिखना बंद हो गए थे। शाम होती थी तो धुंध की वजह से कुछ मीटर की दूरी तक का नजारा नहीं दिखता था, लेकिन अब हवा इतनी साफ हो गई है कि यहां से 200 से 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित पहाड़ भी नजर आने लगे हैं।

  • गजब है ये नजारा

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    बिजनौर के लोगों ने बताया कि ऐसा नजारा उन्होंने पहले कभी नहीं देखा। बिजनौर से नैनीताल (bijnor to nainital) की दूरी करीब 180 किलोमीटर है। मानवीय गतिविधियां कम होने से प्रदूषण का स्तर कम हुआ है, साथ ही गंगा की सेहत भी सुधर गई है। गंगा में ऑक्सीजन का स्तर बढ़ा है। उद्योग बंद होने से नदियां भी साफ हो गई हैं।