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खुशखबरी: उत्तराखंड के 16 हजार BTC शिक्षकों को मान्यता मिली..प्रमोशन का रास्ता भी साफ

उत्तराखंड के प्राथमिक शिक्षक पिछले 3 साल से विशिष्ट बीटीसी की मान्यता को लेकर आंदोलनरत थे। अब शिक्षकों की मुराद पूरी हो गई है, केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने विशिष्ट बीटीसी को मान्यता दे दी है...आगे पढ़िए पूरी खबर

Uttarakhand btc: btc recognition in Uttarakhand
Image: btc recognition in Uttarakhand (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड के 16000 से ज्यादा शिक्षकों को बड़ी राहत मिली है। इनकी नौकरी पर मंडरा रहा संकट टल गया है, प्रमोशन में आ रही अड़चनें भी खत्म हो गई हैं। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने विशिष्ट बीटीसी को मान्यता दे दी है। इसके साथ ही उत्तराखंड के हजारों शिक्षकों को भी विशिष्ट बीटीसी की मान्यता के रूप में इसका फायदा मिला है। साथ ही इनके प्रमोशन का रास्ता भी साफ हो गया है। उत्तराखंड के प्राथमिक शिक्षक पिछले 3 साल से विशिष्ट बीटीसी की मान्यता को लेकर आंदोलनरत थे। प्राथमिक शिक्षकों की ये मुराद अब पूरी हो गई है। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने देश के करीब 26 संस्थानों को पूर्व में किये गए कोर्स के लिए मान्यता दे दी है। इस फैसले का फायदा प्रदेश के उन 16000 से ज्यादा शिक्षकों को मिलेगा, जिनको अभी तक विशिष्ट बीटीसी की मान्यता नहीं मिल पाई थी। यहां आपको पूरा मामला भी जानना चाहिए थे। साल 2001 से लेकर 2018 तक एससीईआरटी ने शिक्षकों को डायट से बीटीसी कोर्स करवाया था, लेकिन इसे एनसीटीई से मान्यता नहीं मिली थी।

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मान्यता ना मिलने की वजह से शिक्षकों को हर स्तर पर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। उनकी नौकरी पर खतरा मंडरा रहा था, प्रमोशन में भी अड़चनें आ रही थी। एनसीटीई के नए मानक के अनुसार 31 मार्च 2019 तक ऐसे सभी बीटीसी शिक्षक अप्रशिक्षित शिक्षक की श्रेणी में आ गए थे। नियमानुसार उनकी सेवाएं समाप्त की जा सकती थी। वहीं इनके प्रमोशन भी इससे प्रभावित हो रहे थे। अब केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय ने देश के 26 संस्थानों को पूर्व में किये गए कोर्स के लिए मान्यता दे दी है। फैसला आते ही शिक्षकों के चेहरे खिल उठे। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने भी मान्यता को लेकर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक का आभार जताया। इस फैसले से उत्तराखंड के 16608 शिक्षक लाभान्वित होंगे।