चमोली: लॉकडाउन में इन दिनों पहाड़ों पर जंगली जानवरों का खौफ चरम पर है। जबसे लॉकडाउन हुआ है तबसे ही जंगली जानवर खुलेआम मनुष्य बस्तियों में दाखिल हो रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि लॉकडाउन के कारण सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है जिस वजह से जंगली जानवर अपनी सीमा भूल रहे हैं। गुलदार का खतरा भी इन दिनों मनुष्यों और अन्य जानवरों के ऊपर मंडरा रहा है। पहाड़ों पर आए दिन गुलदार के हमले करने की खबरें आ रही हैं। गुलदार बेखौफ होकर घूम रहा है। अगर दुर्भाग्य से किसी मनुष्य से उसका सामना हो जाए तो वह या तो उसे मौत के घाट उतार देता है या बुरी तरीके से घायल कर देता है। केवल मनुष्यों को ही नहीं अपितु मवेशियों को भी गुलदार से बहुत खतरा है। गुलदार का सबसे आसान शिकार मवेशी ही हैं। ऐसा ही कुछ खतरनाक मंजर थराली विधानसभा के देवल गांव में पिछले दो दिनों से देखने को मिल रहा है। दो दिनों से देवल गांव में लगातार गुलदार आबादी वाले क्षेत्र में पहुंच कर गायों को अपना शिकार बना रहा है।
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13 मई देर रात को गुलदार ने गांव के निवासी हरिराम की गौशाला में घुसकर एक बछिया के ऊपर जानलेवा हमला कर दिया था जिसमें बछिया बुरी तरह घायल हो गई। वहीं 15 मई की सुबह भी गुलदार ने देवल गांव की ही एक पालतू गाय को अपना शिकार बनाया। दोनों दिल दहला देने वाली घटना है जिसके बाद से ही देवल गांव में हड़कंप मचा हुआ है। गांव में गुलदार का आतंक चरम पर है जिससे गांववासी बेहद डरे हुए हैं। ग्रामीणों ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि गुलदार ने गौशाला का दरवाजा तोड़ा और गाय पर हमला कर उसे बुरी तरह घायल कर दिया जिससे गाय की मृत्यु हो गई। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि घनी आबादी में अगर गुलदार मवेशियों के ऊपर हमला कर सकता है तो ग्रामीणों के ऊपर भी हमला कर सकता है, ऐसे में उनकी जान के ऊपर भी खतरा मंडरा रहा है। ग्रामीणों ने इस बारे में वन विभाग और तहसील को सूचित कर दिया है और मदद की गुहार भी लगाई है। वहीं बदरीनाथ वन प्रभाग के रेंज अधिकारी ने मृत गाय के मालिक को मुआवजा देने के साथ ही वन विभाग की ओर से देवल गांव में सुरक्षा के पुख्ते इंतजाम कर दिए हैं।