बागेश्वर: सोशल मीडिया का अगर सही तरीके से इस्तेमाल हो तो अच्छी बात है लेकिन उसी सोशल मीडिया को अगर झूठी और आधारहीन खबरों को वायरल करने के लिए इस्तेमाल किया जाए तो यह गलत है। आजकल देश भर में है उत्तराखंड के जंगलों में आग की कुछ भयानक तस्वीरें वायरल हो रही है। इन तस्वीरों के साथ यह दावा किया जा रहा है कि कोरोनावायरस संकट के बीच उत्तराखंड सरकार का ध्यान जंगलों की आग पर नहीं है। लोग इन तस्वीरों को वायरल करने के साथ ही यह भी लिख रहे हैं कि वन विभाग और मीडिया का ध्यान इस तरफ नहीं जा रहा है। कुछ लोगों ने तो यह भी लिख दिया कि ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग पर सभी ने आंसू बहाए लेकिन इन तस्वीरों पर खामोशी क्यों? लेकिन जितने भी लोगों ने ऐसी तस्वीरों को वायरल किया है उन लोगों को कुछ सोचना चाहिए था कुछ समझना चाहिए था और फिर उसके बाद ही तस्वीरों को वायरल करना चाहिए था। यह बात तो आपको पता होगी कि फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया किस सेटेलाइट जंगलों की आग की कड़ी निगरानी करते हैं 26 मई 2020 की शाम 4:00 बजे फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा जारी किया गया है। यह नक्शा वायरल होती खबरों और तस्वीरें का सटीक जवाब है। कुमाऊं के वेस्टर्न सर्किल के फॉरेस्ट कंजर्वेटर डॉ. पी एम धकाते ने अपने फेसबुक पेज पर 26 मई की शाम को जारी किया गया नक्शा पोस्ट किया है। डॉ. धकाते भी ये मानते है कि वनाग्नि की जो तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, वो पुरानी हैं। नक्शे में वनाग्नि के स्पॉट को लाल रंग से चिन्हित किया गया है, जोकि बहुत कम दिख रह हैं। इससे साफ है कि इस बार वनाग्नि पर नियंत्रण पाने में विभाग अभी तक सफल रहा है।