उत्तराखंड बागेश्वरMigrant woman renovated village school during quarantine

पहाड़ में इस महिला ने बदली स्कूल की तस्वीर, यहां परिवार समेत की गई थी क्वारेंटाइन

क्वारेंटीन अवधि को कुछ लोग कोस रहे हैं तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो इस समय का बेहतर इस्तेमाल कर अपने गांव और गांव के स्कूलों की तस्वीर संवारने में जुटे हैं...

Bageshwar News: Migrant woman renovated village school during quarantine
Image: Migrant woman renovated village school during quarantine (Source: Social Media)

बागेश्वर: उत्तराखंड में दूसरे राज्यों से लौटे प्रवासियों को उनके गांव के स्कूलों और पंचायत भवनों में क्वारंटीन किया जा रहा है। क्वारेंटीन अवधि को कुछ लोग कोस रहे हैं तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो इस समय का बेहतर इस्तेमाल कर अपने गांव और गांव के स्कूलों की तस्वीर संवारने में जुटे हैं। दिल को सुकून देती ऐसी ही एक तस्वीर बागेश्वर के गरुड़ क्षेत्र से आई है। जहां स्कूल में बने क्वारेंटीन सेंटर मे रह रही प्रवासी महिला बबीता देवी ने स्कूल की सूरत संवार दी। इनके काम की पूरे गांव में तारीफ हो रही है। जो काम सालों में नहीं हुआ वो काम बबीता देवी ने सिर्फ 14 दिन में कर दिखाया। बबीता देवी बागेश्वर बाड़ीखेत की रहने वाली हैं। 14 दिन पहले बबीता अपने परिवार के साथ दिल्ली से वापस लौटी थीं। उन्हें बाड़ीखेत के प्राथमिक विद्यालय में संस्थागत क्वारेंटीन किया गया था।

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जिस स्कूल में बबीता का परिवार रह रहा था, उसकी हालत खस्ता थी। बबीता ने देखा कि स्कूल के चारों तरफ बंजर जमीन है, हरियाली का नामों निशां तक नहीं है। ये देख बबीता से रहा नहीं गया, उन्होंने यहां क्यारियां बनाने की ठान ली। बबीता ने स्कूल के चारों तरफ क्यारियां बनाईं, और जमीन को रोपाई के लिए तैयार करने लगीं। एक दिन जब स्कूल की प्रधानाध्यापिका भगवती गोस्वामी स्कूल पहुंची तो वहां बबीता को काम करते देख हैरान रह गईं। उन्होंने बबीता को फूल के पौधे लाकर दिए। इस तरह स्कूल की बंजर जमीन बबीता की मेहनत से महक उठी। बबीता और उनका परिवार 14 दिन तक यहां रहने के बाद वापस लौट गया, लेकिन उन्होंने इस स्कूल पर अपनी मेहनत की अमिट छाप हमेशा के लिए छोड़ दी है। पूरे गांव में लोग बबीता देवी की तारीफ कर रहे हैं, ये प्रवासी महिला क्षेत्र के युवाओं के लिए मिसाल बन गई है।