उत्तराखंड पिथौरागढ़Youths built road during lockdown in pithoragarh

पहाड़ में लॉकडाउन के बीच युवाओं का बेमिसाल काम, खुद बना रहे हैं सड़क..6 गांवों को होगा फायदा

पहाड़ के इस दूरस्थ गांव में सड़क नहीं थी। गांववाले प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा-लगाकर थक गए थे, लेकिन सड़क के नाम पर सिर्फ वादे मिले। जल्द ही इस गांव के पास अपनी सड़क होगी...

Pithoragarh Tundachaura village road: Youths built road during lockdown in pithoragarh
Image: Youths built road during lockdown in pithoragarh (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: कोरोना और इसके चलते लगे लॉकडाउन ने हमारी जिंदगी पूरी तरह बदल कर रख दी। लोग लॉकडाउन को कोस रहे हैं, लेकिन इसके चलते कई अच्छे बदलाव भी हुए हैं। खाली समय का इस्तेमाल लोग गांवों और स्कूलों को संवारने में कर रहे हैं। बदलाव की ऐसी ही एक खूबसूरत तस्वीर पिथौरागढ़ जिले के टुंडाचौड़ा गांव से आई है, जहां लॉकडाउन के दौरान युवा सड़क बनाने में जुटे हैं। शहरों में काम करने वाले ज्यादातर प्रवासी इन दिनों अपने गांव लौट आए हैं, और अब अपने गांव की समस्याओं को दूर करने में जुटे हैं। इसी कड़ी में पिथौरागढ़ के टुंडाचौड़ा गांव के युवा अपने गांव के लिए सड़क बना रहे हैं। घड़ी में सुबह के पांच बजते ही गांव के युवा सड़क निर्माण कार्य में जुट जाते हैं। युवाओं ने बताया कि उनके गांव में सड़क नहीं है। वो प्रशासन और सरकार से इस बारे में कई बार शिकायत कर चुके थे, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला। कुछ महीने पहले लॉकडाउन लगा तो ज्यादातर युवा प्रवासी गांव लौट आए। इन युवाओं ने मीटिंग कर गांव में सड़क बनाने का फैसला किया, लेकिन इसमें एक दिक्कत थी। आगे पढ़िए..

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: महाराष्ट्र से 4 लोग बिना बताए केदारनाथ के मुख्य पड़ाव तक पहुंच गए..आखिर कैसे?
सड़क वाली जगह पर लोगों के खेत थे, उनसे अनुमति मिलना मुश्किल था। खैर किसी तरह युवाओं ने हिम्मत कर के गांव वालों से इस बारे में बात की। युवाओं की अच्छी मंशा देख ग्रामीण भी अपने खेत दान करने के लिए तैयार हो गए और अब इन खेतों को काटकर सड़क बनाई जा रही है। पिछले दस दिन से सड़क निर्माण का काम जारी है। एक किलोमीटर तक सड़क बनकर तैयार हो गई है, जल्द ही निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इस एक सड़क के बनने से क्षेत्र के छह गांवों को फायदा होगा। बच्चे सड़क पर पैदल चलकर स्कूल जा सकेंगे, उन्हें अपनी पढ़ाई बीच में नहीं छोड़नी पड़ेगी। सड़क निर्माण के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। युवा सड़क निर्माण का हर अपडेट सोशल मीडिया के जरिए क्षेत्र से जुड़े लोगों को दे रहे हैं। पिथौरागढ़ के टुंडाचौरा गांव से आई ये तस्वीरें पलायन से जूझ रहे पहाड़ में उम्मीद की किरण सरीखी लगती हैं। आगे देखिये तस्वीरें...

  • Great work of the villagers of Tundachaura Pithoragarh

    Great work of the villagers of Tundachaura Pithoragarh
    1/ 2

    उत्तराखंड पिथौरागढ़ का दूरस्थ गांव टुंडा चौड़ा जिला मुख्यालय से लगभग 100 किलोमीटर दूर है, इस क्षेत्र में जिला मुख्यालय जाने के लिए एक ही सड़क है। ग्रामीणों द्वारा बरसों से सड़क निर्माण के लिए मांग की जा रही थी, लेकिन किसी भी जनप्रतिनिधि ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। विभिन्न स्तरों कई बार सड़क की मांग उठाई गई लेकिन गांव वालों के हाथ निराशा ही लगी तो गांव वालों ने खुद ही ये काम करने का बीड़ा उठाया।

  • Villagers of Tundachaura make road to 6 Villages

    Villagers of Tundachaura make road to 6 Villages
    2/ 2

    पिछले वर्ष हुए ग्राम प्रधान के चुनाव के दौरान करीब 17 सालों से बाहर नौकरी कर रहे गोविंद सिंह और उनकी पत्नी नौकरी छोड़ कर अपने गांव के विकास के लिए गांव आकर ग्राम प्रधान का चुनाव लड़े। महिला सीट होने के कारण गोविंद सिंह की पत्नी मनीषा देवी ने चुनाव लड़ा और भारी बहुमत से विजय हासिल की। ग्राम प्रधान मनीषा देवी और उनके पति गोविंद सिंह ने गांव में आने के बाद वर्षों से विकास की बाट जोह रहे गांव में अब तक चार बड़े सीसी मार्गों का निर्माण कराया है, जल संरक्षण के लिए तीन तालाबों का निर्माण करवाया है। इसके साथ ही गांव के युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए सड़क निर्माण की भी अलख जगाई.. और अब इससे आस पास के 6 गांवों को फायदा पंहुचने वाला है।