उत्तराखंड पिथौरागढ़Bridge connecting China border in Pithoragarh broken

उत्तराखंड में सेना के जवानों के सामने बड़ी परेशानी, ऐसे कैसे होगी चीन सीमा पर सुरक्षा?

दावे बड़े बड़े किए जाते हैं लेकिन ऐन वक्त पर सारे दावों की पोल खुल जाती है। ये वीडियो कई सवाल खड़ करता है।

Pithoragarh Bridge broken: Bridge connecting China border in Pithoragarh broken
Image: Bridge connecting China border in Pithoragarh broken (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: भारत चीन के बीच तनातनी की खबरें आ रही हैं और ये बात आप भी जानते हैं कि उत्तराखंड का एक बड़ा क्षेत्रफल चीन सीमा से लगता है। जिस तरह चीन अपने बॉर्डर इलाकों में मजबूत सड़कें और पुल बना रहा है, जाहिर है कि भारत को भी ऐसा ही करना पड़ेगा। शर्मनाक बात ये है कि यहां चीन सीमा तक पहुचने के लिए जो पुल बना था, वो ही भरभराकर गिर गया। ये वीडियो वास्तव में कई सवाल खड़े करता है। आखिर ऐसे तनातनी क वक्त में ऐसी लापरवाही माफी के लायक है? इतना घटिया निर्माण कि पुल एक पोकलेन मशीन का वजन ना उठा सके? बड़ी खबर उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले से है। जहां चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़क पर बना एकमात्र वैली ब्रिज एकाएक टूट गया। पुल के ढहने की वजह ओवरलोडिंग बताई जा रही है। ये वैली ब्रिज पिथौरागढ़ के मुनस्यारी में स्थित मिलम मोटर मार्ग पर बना था। जो कि बीच में से टूटकर नदी में जा गिरा। आगे देखिए वीडियो

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जानकारी के अनुसार आज सुबह पुल पर एक ट्राला पोकलैंड मशीन के साथ पहुंचा था। वैली ब्रिज इस भार को सह नहीं पाया और ढह कर नदी में जा गिरा। मुनस्यारी के सेनर गाड़ पर दुर्घटनाग्रस्त हुआ ट्रॉला सड़क निर्माण कार्य में जुटी ग्रिफ का बताया जा रहा है। सामरिक दृष्टि से ये ब्रिज बेहद अहम रहा है। ये चीन सीमा तक जाने वाली सड़क पर बना एकमात्र वैली ब्रिज है।

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इस रास्ते से गोला, बारूद और रसद सीमा तक पहुंचाए जाते हैं। भारतीय सेना के जांबाज सिपाही मिलम में बने इसी पुल से होते चीन सीमा तक पहुंचते हैं। पुल टूटने से सेना को आवाजाही में परेशानी हो रही है। इससे क्षेत्र की 7000 की जनसंख्या भी प्रभावित हो रही है। क्षेत्र में रहने वाले लोग भी आवाजाही के लिए इसी पुल का इस्तेमाल किया करते थे। आपको बता दें कि बीते 19 जनवरी को धारचूला में चीन सीमा को जोड़ने वाली सड़क पर तवाघाट में बना पुल भी पोकलैंड को ले जा रहे ट्राला के भार से क्षतिग्रस्त हो गया था। अधिकारियों के अनुसार तवाघाट वैली ब्रिज की क्षमता 18 टन थी। जबकि जो ट्राला पोकलैंड मशीन पांगला की और ले जा रहा था उसका भार 30 टन से अधिक था। इस मामले में ट्राला चालक की लापरवाही सामने आई थी। अब मुनस्यारी में भी ओवरलोडिंग की वजह से पुल टूटने की घटना सामने आई है।