उत्तराखंड उत्तरकाशीWoman dies after delivery in Uttarkashi

उत्तराखंड में ये क्या हो रहा है? प्रसव के बाद फिर से एक मां की मौत..गुस्से में गांव वाले

मंगलवार को 23 साल की बबली की अस्पताल में नॉर्मल डिलीवरी हुई थी, बाद में ज्यादा खून बहने की वजह से उसकी मौत हो गई...आगे पढ़िए पूरी खबर

Uttarkashi woman dies: Woman dies after delivery in Uttarkashi
Image: Woman dies after delivery in Uttarkashi (Source: Social Media)

उत्तरकाशी: उत्तरकाशी में विभागीय लापरवाही ने एक और प्रसूता की जान ले ली। प्रसव के बाद महिला ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। महिला की मौत से गुस्साए लोगों ने बुधवार को सीएचसी नौगांव परिसर में धरना प्रदर्शन किया। जनप्रतिनिधियों ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं की खामियों की कीमत पहाड़ की महिलाओं को अपनी जान देकर चुकानी पड़ रही है, लेकिन शासन की नींद नहीं टूट रही। सीएचसी नौगांव यमुना घाटी का मुख्य हॉस्पिटल है। इसके बावजूद यहां सुविधाओं का अभाव है। सीएचसी में नियमित तौर पर अल्ट्रासाउंड नहीं हो रहे। ब्लड बैंक नहीं है, ब्लड स्टोर करने की सुविधा नहीं है। प्रसव के बाद महिला की मौत से गांव के लोगों में गुस्सा है। गुस्साए लोगों ने सीएचसी नौगांव परिसर में विरोध-प्रदर्शन किया। आगे भी पढ़िए

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लोगों ने कहा कि अस्पताल में महत्वपूर्ण पद खाली पड़े हैं, लेकिन इन्हें भरने के लिए कोई कदम नहीं उठाए गए। चिकित्साकर्मियों की कमी का खामियाजा ग्रामीण उठा रहे हैं। ग्रामीणों के प्रदर्शन की सूचना पर सीएचसी परिसर पहुंचे एसडीएम ने व्यवस्थाओं में सुधार का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि अस्पताल में हफ्ते में दो दिन अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था की जाएगी। ब्लड बैंक के लिए शासन को पत्र भेजेंगे। आपको बता दें कि मंगलवार को 23 साल की बबली देवी की प्रसव के बाद अस्पताल में मौत हो गई थी। बबली मैनोल ब्रह्मखाल की रहने वाली थी। कुछ दिन पहले वो डिलीवरी के लिए अपने मायके चपटाड़ी आई थी। क्योंकि चपटाड़ी से अस्पताल 40 किलोमीटर दूर है। इसलिए परिजनों ने उसे नौगांव में अपने रिश्तेदार के यहां ठहराया था। आगे पढ़िए

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मंगलवार को महिला की अस्पताल में नॉर्मल डिलीवरी हुई। बाद में ज्यादा खून बहने की वजह से बबली की मौत हो गई। परिजनों ने अस्पतालकर्मियों पर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। वहीं डीएम डॉ. आशीष चौहान ने घटना का संज्ञान लेते हुए एसडीएम बड़कोट और सीएमओ को मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। गांव वालों का आरोप है कि अस्पताल की एंबुलेंस को कोविड-19 सेवा में लगा दिया गया है, जिससे मरीज परेशान हैं। सीएचसी नौगांव में डॉक्टरों के 10 पद सृजित हैं, लेकिन सिर्फ पांच डॉक्टर सेवाएं दे रहे हैं। अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. निधि रावत ही डिलीवरी कराती हैं। अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट, पैथोलॉजिस्ट, कॉर्डियोलॉजिस्ट और सर्जन जैसे महत्वपूर्ण पद खाली हैं।