उत्तराखंड चमोलीMan-eating leopard hunt in Chamoli district

गढ़वाल में मारा गया मासूमों को निवाला बनाने वाला आदमखोर तेंदुआ

मशहूर शिकारी लखपत रावत और पौड़ी जिले से मशहूर शिकारी जॉय हुकील को आदमखोर तेंदुए की पहचान कर शिकार करने क़ी जिम्मेदारी दी गयी।

Chamoli Guldar: Man-eating leopard hunt in Chamoli district
Image: Man-eating leopard hunt in Chamoli district (Source: Social Media)

चमोली: थराली विधानसभा के नारायणबगड़ क्षेत्र में ग़ैरबारम और मलतुरा में मासूमों को अपना शिकार बनाने वाला तेंदुआ आखिरकार मारा ही गया। 29 मई को मलतुरा मैगेटी तोक में 4 वर्षीय नेपाली मूल के मासूम बच्चे को तेंदुए ने अपना शिकार बनाया था। तो वहीं ठीक एक माह बाद 29 जून को ग़ैरबारम के हरीढ़ोन तोक में 11 वर्षीय बच्ची दृष्टिका को अपना निवाला बना लिया। जिसके बाद ग्रामीणों की मांग पर वन महकमे ने तेंदुए को आदमखोर घोषित करते हुये इसका शिकार करने के आदेश दे दिए। 30 जून को मशहूर शिकारी लखपत रावत और पौड़ी जिले से मशहूर शिकारी जॉय हुकील को आदमखोर तेंदुए की पहचान कर शिकार करने क़ी जिम्मेदारी दी गयी। लगातार 10 दिनों तक काफी खोजबीन और आदमखोर तेंदुए की पहचान के बाद आखिरकार शिकारी जॉय हुकील ने कल यानी 10 जून की देर सांय लगभग 7 बजकर 15 मिनट पर आदमखोर तेंदुए को मार गिराया। मशहूर शिकारी जॉय हुकील की बंदूक से निकली एक गोली सीधे जाकर तेंदुए को लगी जिससे आदमखोर तेंदुए की मौत हो गई। ये आदमखोर तेंदुआ मशहूर शिकारी जॉय हुकील का 37 वां शिकार था। वहीं गैरसैंण के शिकारी लखपत रावत अब तक 54 आदमखोर तेंदुआ/गुलदार का शिकार कर चुके हैं।

  • लगभग 7 साल थी उम्र

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    प्राप्त जानकारी के अनुसार ग़ैरबारम में शिखर हुआ यह आदमखोर तेंदुआ मादा तेंदुआ बताया जा रहा है जिसकी उम्र लगभग 7 वर्ष बताई जा रही है। आदमखोर तेंदुए के शिकार के बाद ग़ैरबारम और मलतुरा सहित आसपास के गांवों के ग्रामीणों ने अब राहत की सांस ली। ग्रामीणों ने बताया कि आदमखोर तेंदुए की दहशत से ग्रामीण डर के साये में जी रहे थे लेकिन अब पूरे क्षेत्र से तेंदुए की दहशत खत्म हो गई है।

  • शिकारियों को मिली सफलता

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    ग्रामीणों ने शिकारी लखपत रावत ,जॉय हुकील सहित वन विभाग के अधिकारियों का धन्यवाद अदा किया। वहीं शिकारी लखपत बुटोला और जॉय हुकील ने बताया कि शिकार से पहले उनकी प्राथमिकता होती है कि केवल उसी आदमखोर तेंदुए की पहचान की जाय जो ग्रामीणों पर हमला कर रहा है। ग्रामीणों से मिली जानकारी रास्तो पर तेंदुए के चलने के निशान और जंगल की रेकी के बाद ही आदमखोर तेंदुए का शिकार किया गया है ताकि तेंदुए की दहशत से ग्रामीणों को सुरक्षित किया जाए।