उत्तराखंड देहरादूनRajendra Singh soldier of Uttarakhand declared martyr

गढ़वाल राइफल के जवान राजेंद्र नेगी शहीद घोषित..पत्नी को अब भी यकीन- मेरे पति जिंदा हैं

कश्मीर में ड्यूटी के दौरान लापता हुए जवान राजेंद्र सिंह नेगी को सेना ने शहीद घोषित कर दिया, लेकिन उनकी पत्नी को अब भी यकीन है कि राजेंद्र सुरक्षित हैं, वो पति की सलामती के लिए प्रार्थनाएं कर रही हैं...

Uttarakhand Rajendra Singh Negi: Rajendra Singh soldier of Uttarakhand declared martyr
Image: Rajendra Singh soldier of Uttarakhand declared martyr (Source: Social Media)

देहरादून: कहते हैं वक्त हर जख्म भर देता है, लेकिन कुछ जख्म कभी नहीं भरते। इस दर्द को गढ़वाल राइफल्स के जवान राजेंद्र सिंह नेगी के परिवार से बेहतर भला कौन समझ सकता है। साल की शुरुआत में जवान राजेंद्र सिंह नेगी को लेकर एक बुरी खबर मिली थी। जम्मू-कश्मीर में तैनाती के दौरान वो अचानक लापता हो गए थे। कभी कहा गया कि वो पाकिस्तान की सीमा में दाखिल हो गए, तो कभी कहा गया कि उनके साथ कोई हादसा हुआ है, लेकिन पक्की खबर अब तक नहीं मिली। कई महीनों की तलाश के बाद अब सेना ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं। जवान राजेंद्र सिंह नेगी को सेना ने शहीद घोषित कर दिया है, लेकिन उनकी पत्नी अब भी पति की सलामती के लिए प्रार्थनाएं कर रही हैं। देहरादून के अंबीवाला में रह रही राजेंद्र सिंह नेगी की पत्नी आज भी मांग में सिंदूर भर कर पति के लौट आने की बाट जोह रही है।

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घटना 8 जनवरी 2020 की है। उत्तराखंड से ताल्लुक रखने वाले जवान हवलदार राजेंद्र सिंह की ड्यूटी गुलमर्ग में थी। ड्यूटी के दौरान उनका पैर फिसला और वो बर्फ के आगोश में समाते चले गए। तब से राजेंद्र का कुछ पता नहीं चला। 21 मई 2020 को सेना ने राजेंद्र सिंह की गुमशुदगी को बैटल कैजुअल्टी मान लिया। उन्हें शहीद का दर्जा दे दिया, लेकिन जवान की पत्नी को अब भी यकीन है कि राजेंद्र जहां भी हैं सकुशल हैं। एक ना एक दिन वो घर जरूर लौटेंगे। शहीद राजेंद्र सिंह नेगी की पत्नी ने कहा ‘मैं कैसे मान लूं कि मेरे पति शहीद हो गए हैं, अगर ऐसा है तो सेना उनका पार्थिव शरीर मुझे सौंपे’। पत्नी को पूरा यकीन है कि उनके पति जिंदा हैं और एक दिन वो लौटकर जरूर आएंगे। आगे भी आपको इस परिवार के दर्द के बारे में पढ़ना चाहिए।

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माथे पर बिंदी और मांग में सिंदूर सजाए शहीद राजेंद्र की पत्नी अब भी उनकी राह तक रही हैं। शहीद के परिवार को राज्य सरकार से भी नाराजगी है। शहीद राजेंद्र के परिजनों ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने उनके बेटे की खोजबीन में कोई मदद नहीं की। सभी नेताओं ने दो-चार दिन ढांढस बंधाया, हर संभव मदद का आश्वासन दिया, लेकिन समय के साथ सब भूल गए। वहीं इन आरोपों पर सांसद अजय भट्ट का कहना है कि जब सेना ने कह दिया है तो शहीद के परिजनों को भी अब सच को स्वीकार कर लेना चाहिए। आपको बता दें कि हवलदार राजेंद्र सिंह नेगी 11वीं गढ़वाल राइफल्स का हिस्सा थे। 8 जनवरी को ड्यूटी के दौरान लापता हुए जवान राजेंद्र सिंह नेगी को सेना ने शहीद घोषित किया है।