उत्तराखंड पिथौरागढ़Pithoragarh flood shed innocent

उत्तराखंड: मां का हाथ छूटा और सैलाब में बहा मासूम, चमत्कार से बची जान

जिस वक्त ये हादसा हुआ, उस वक्त मां ने बच्चे को अपनी बाहों में थामा हुआ था। दोनों जान बचाने के लिए भाग रहे थे, तभी बच्चे का हाथ छूटा और वो सैलाब संग बहता चला गया...आगे पढ़िए पूरी खबर

Pithoragarh flood: Pithoragarh flood shed innocent
Image: Pithoragarh flood shed innocent (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: सीमांत क्षेत्र पिथौरागढ़ में बारिश से जैसी तबाही मची है, वैसी किसी ने पहले कभी नहीं देखी। आसमान में बादल गरजते हैं तो लोगों का दिल बैठ जाता है। अनहोनी की आशंका सताने लगती है। शनिवार रात यहां मूसलाधार बारिश के साथ आए सैलाब में एक पांच साल का बच्चा बह गया। जिस वक्त ये हादसा हुआ, उस वक्त मां ने बच्चे को अपनी बाहों में थामा हुआ था। दोनों जान बचाने के लिए भाग रहे थे, तभी बच्चे का हाथ छूटा और वो नाले संग बहता चला गया। अपने कलेजे के टुकड़े को पानी में डूबते-उतरते देख मां दर्द से तड़प उठी। बदहवास मां पूरी रात बच्चे को तलाशती रही। ग्रामीण भी खोजबीन में जुटे रहे। बच्चा पांच घंटे तक पानी में रहा। सुबह मौसम शांत होने पर वो घर से दूर खेत में पानी से भरे गड्ढे में बेहोशी की हालत में मिला। इसे चमत्कार ही कहेंगे कि मां की प्रार्थनाओं से बच्चे की जान बच गई। आगे पढ़िए

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बच्चे को ग्रामीण तुरंत अस्पताल ले गए, जहां उसका इलाज जारी है। गांव वाले बच्चे की सलामती से खुश भी हैं और हैरान भी। घटना मुनस्यारी क्षेत्र के धापा गांव की है। जहां शनिवार रात मूसलाधार बारिश के दौरान प्रयाग सिंह धपवाल नाम के शख्स का मकान बहने लगा। हालात बिगड़े तो प्रयाग सिंह की पत्नी अपने पांच साल के बेटे तन्मय धपवाल का हाथ थामकर मकान से बाहर निकल गई। दोनों जान बचाने के लिए भाग रहे थे कि तभी तन्मय का हाथ छूटा और वो सैलाब संग बहता चला गया। मां बदहवास सी तन्मय को ढूंढने लगी। उसने बेटे को कई बार पुकारा लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। महिला की चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण भी बच्चे की खोजबीन में जुट गए। सुबह पांच बजे तक बच्चे की खोज के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा।

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सुबह उजाला होने पर तन्मय घर से लगभग डेढ़ सौ मीटर दूर खेत में बने एक गड्ढे के सहारे बेहोशी की हालत में मिला। उसके सिर पर चोट लगी थी। बच्चा अपनी मां से बिछड़ कर गांव और सड़क से होते हुए नीचे खेत तक पहुंचा था। खेत में बने एक छोटे गड्ढे की आड़ में रहने से तन्मय की जान बच गई, जो कि किसी चमत्कार जैसा है। बच्चे के पिता प्रयाग सिंह इस समय माइग्रेशन में अपने उच्च हिमालयी गांव में हैं। घायल बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उसकी हालत अब सामान्य है। खोजबीन के दौरान बच्चे की मां को भी चोट लगी है। उसे भी इलाज के लिए अस्पताल में दाखिल कराया गया है।