उत्तराखंड पिथौरागढ़House shed in Dhami village of Pithoragarh due to heavy rain

दुखद: पहाड़ के धामी गांव में भूस्खलन के बाद नदी में बहा मकान..मां और बेटा लापता

रविवार शाम तक जिस जगह जवाहर सिंह का मकान हुआ करता था, वहां अब मैदान नजर आ रहा है। बारिश की शक्ल में आई आपदा मकान को अपने साथ बहा ले गई। वीडियो भी देखिए

Pithoragarh News: House shed in Dhami village of Pithoragarh due to heavy rain
Image: House shed in Dhami village of Pithoragarh due to heavy rain (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: पहाड़ में बारिश ने किस कदर कहर बरपाया हुआ है, इसका अंदाजा आप इस खबर से लगा सकते हैं। सीमांत क्षेत्र पिथौरागढ़ में लगातार जारी बारिश लोगों के लिए काल साबित हो रही है। यहां मुनस्यारी के धामी गांव में बीती रात हुए भूस्खलन में एक मकान ढह गया। बारिश के साथ आया सैलाब मकान को अपने साथ बहा ले गया। घर में रह रहे दो लोग अब तक लापता हैं, उनके बारे में फिलहाल कोई सूचना नहीं मिल पाई है। हादसा भ्योला तोक में हुआ। जहां रविवार की रात लगातार जारी बारिश के बीच भूस्खलन में एक मकान दब गया। इसे विडंबना ही कहेंगे कि रात के वक्त हुए इस हादसे की खबर किसी को नहीं लगी। हादसे के वक्त लोग अपने घरों में सो रहे थे। सुबह जब लोग सोकर उठे तो उनकी जिंदगी रोज की तरह चल रही थी। आगे पढ़िए यह भी पढ़ें - गढ़वाल के मकान सिंह की विदेश में हालत गंभीर , समाजसेवी रोशन रतूड़ी ने मांगी मदद
धामी गांव का भ्योला तोक छोटी सी जगह है, इसलिए सभी एक-दूसरे को जानते हैं। इसी बीच लोगों ने देखा कि गांव में रहने वाला जवाहर सिंह और उसकी मां विशना देवी सुबह से नहीं दिखाई दी। तब दोनों की तलाश शुरू हुई। ग्रामीण जवाहर और विशना देवी को खोजते हुए उनके घर तक पहुंचे तो वहां का नजारा देख वो भौचक्क रह गए। रविवार शाम तक जिस जगह जवाहर सिंह का मकान हुआ करता था, वहां अब मैदान नजर आ रहा है। बीती रात बारिश के साथ आया सैलाब मकान और उसमें रहने वाले लोगों को अपने साथ बहाते हुए गोरी गंगा नदी में समा गया। अब यहां ना तो मकान है, और ना ही जवाहर सिंह और उसकी मां विशना देवी। दोनों ही लापता हैं। बताया जा रहा है कि जवाहर की पत्नी इन दिनों मायके गई हुई थी, जिस वजह से वो हादसे का शिकार होने से बच गई। आगे देखिए वीडियो यह भी पढ़ें - गढ़वाल: युवा प्रधान की मेहनत रंग लाई..घाटी में पहली बार घनघनाए लोगों के मोबाइल
खबर लिखे जाने तक आपदा प्रबंधन और राजस्व विभाग का कोई अधिकारी गांव में नहीं पहुंचा था। क्षेत्र में अब भी बारिश जारी है। आपको पता दें कि मुनस्यारी में बारिश की शक्ल में बरस रही आपदा ने कई गांव तबाह कर दिए। इसी ब्लॉक में बीते 18 जुलाई को आई आपदा में 11 लोगों की मौत हो गई थी। जिनमें से 2 लोगों के शव अब तक नहीं मिल पाए हैं।

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