उत्तराखंड टिहरी गढ़वालMan-eating guldar in Tehri Garhwal

गढ़वाल: 16 घंटे तक कमरे में बंद रहा गुलदार, तब जाकर पिंजरे में कैद हुआ

वन विभाग की टीम ने गुलदार को एक कमरे में बंद कर दिया। 16 घंटे कमरे में कैद रखने के बाद गुलदार का रेस्कयू ऑपरेशन हुआ।

Uttarakhand guldar: Man-eating guldar in Tehri Garhwal
Image: Man-eating guldar in Tehri Garhwal (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: उत्तराखंड में गुलदार का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है। आए दिन हम गुलदार के द्वारा किए गए हमलों की खबरें पढ़ते हैं। अब तक उत्तराखंड में न जाने कितने लोगों गुलदार का निवाला बन चुके हैं। वहीं गुलदार राज्य में अबतक न जाने कितने लोगों के ऊपर जानलेवा हमला करके उनको गंभीर रूप से घायल भी कर चुका है। हाल ही में काशीपुर के रानी पीजी कॉलेज में एक 12 वर्ष के बच्चे के ऊपर गुलदार ने जानलेवा हमला कर दिया। वह तो बच्चे की जान किसी तरह बच गई। वहीं गुलदार के आतंक की ताजी घटना टिहरी जिले से सामने आ रही है जहां पर बीती रात एक गांव में गुलदार घुसने से ग्रामीणों के बीच में हड़कंप मच गया। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम ने गुलदार को एक कमरे में बंद कर दिया।

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बीते शनिवार की दोपहर को तकरीबन 16 घंटे घर के कमरे में कैद गुलदार को रेस्क्यू कर चिड़ियापुर सेंटर में भेज दिया गया। घटना कीर्ति नगर क्षेत्र के टकोली लुसियार गांव की है जहां बीते शुक्रवार की रात को लगभग 9 बजे कीर्ति नगर ब्लॉक के टकोली लुसियार गांव में स्थानीय निवासी रजनी देवी के घर में अचानक गुलदार आ धमका। गुलदार को घर में देखकर रजनी और अन्य सदस्यों के होश उड़ गए और उन्होंने जोर-जोर से शोर मचाना शुरू किया। किसी तरह उससे बचकर उन्होंने वन विभाग को रात में ही गुलदार के आने की सूचना दे दी जिसके बाद वन विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर गुलदार को उनके घर के कमरे के अंदर बंद कर दिया, जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली।

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वहीं जिस परिवार में गुलदार घुसा था उन्होंने पूरी रात पड़ोसी के घर में बताई। वहीं अगले दिन सुबह वन विभाग की टीम ने गुलदार का रेस्क्यू करना शुरू किया और कड़ी मशक्कत के बाद दोपहर तकरीबन 1 बजे गुलदार को पिंजरे में पकड़ लिया गया। डीएफओ नरेंद्र नगर डीएस मीणा ने बताया कि गुलदार नर है। गुलदार संभवतः अस्वस्थ है जिस कारण वह हिंसक नहीं है इस वजह से उसने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। कुछ दिनों पहले से ही इस क्षेत्र में गुलजार के होने की सूचना मिल गई थी जिसके बाद से वहां पर टीम तैनात कर दी गई थी। वहीं 16 घंटे गुलदार को कमरे में कैद करने के बाद वन विभाग की टीम ने गुलदार का रेस्कयू ऑपरेशन किया और हरिद्वार के चिड़ियाघर रेस्कयू सेंटर में भेज दिया गया है।