उत्तराखंड हल्द्वानीShubhra pandey of haldwani did research on kuttu flour

उत्तराखंड की शुभ्रा को बधाई, इस बेटी के शोध पर रूस विश्वविद्यालय ने लगाई मुहर

हल्द्वानी में पली-बड़ी और रूस की साइबेरियन फेडरल यूनिवर्सिटी में बतौर रिसर्चर कार्यरत डॉक्टर शुभ्रा पांडे को बधाई...आगे पढ़िए खबर

Haldwani News: Shubhra pandey of haldwani did research on kuttu flour
Image: Shubhra pandey of haldwani did research on kuttu flour (Source: Social Media)

हल्द्वानी: भारतीय परंपरा में कई त्योहारों के साथ-साथ व्रत रखने का भी चलन है। ऐसे में व्रत और त्योहारों के समय कुट्टू के आटे से बने व्यंजन खाने की परंपरा भी वर्षों से चलती आ रही है। कुट्टू का आटा खाने के काफी फायदे हैं। कुट्टू का आटा बुढ़ापे की कई बीमारियों से हमारा बचाव करता है और आयु वृद्धि में मदद करता है। इसी के साथ ही शरीर में कई जरूरी चीजों की पूर्ति भी करता ही। इस पर एक गहन शोध भी किया गया है। इस बात को साइबेरियन फेडरल यूनिवर्सिटी रूस में भी शोध में साबित किया है और यह शोध हल्द्वानी में पली-बड़ी डॉक्टर शुभ्रा पांडे द्वारा किया गया है। डॉक्टर शुभ्रा पांडे पीएचडी होल्डर हैं और रूस में बतौर रिसर्चर कार्यरत हैं। वह मूल रूप से हल्द्वानी की निवासी हैं मगर अभी रूस में रह रही हैं। उनके पिता डॉ बीसी पांडे ने बताया कि उनकी बेटी शुभ्रा ने निर्मला कान्वेंट में पढ़ाई के बाद जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर से फूड एंड न्यूट्रिशन में बीएससी और एमएससी करने के बाद उन्होंने सेंटर फॉर टेक्नोलॉजी रिसर्च इंस्टीट्यूट मैसूर से पीएचडी की है।

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शुभ्रा फूड एंड न्यूट्रिशन एक्सपर्ट हैं और उनका कुट्टू के आटे पर किया गया यह शोध जनर्ल ऑफ सीरियल साइंस में भी प्रकाशित हुआ है। इस शोध का कई अन्य भाषाओं में भी अनुवाद हो चुका है। कुट्टू के आटे पर किया गया इस शोध ने यह सिद्ध किया है कि कुट्टू का आटा ग्रहण करने से बुढ़ापे की कई बीमारियां ठीक हो जाती हैं। डॉक्टर शुभ्रा पांडे ने चूहों के तीन समूहों पर इसका प्रयोग किया और यह निष्कर्ष निकाला कि लंबे समय तक निराहार रहने से या कम खाने से कुट्टू का आटा शरीर में प्रोटीन की मात्रा बढ़ा सकता है। वहीं लंबे समय तक बिना भोजन किए रहने से शरीर के टिश्यूस को नुकसान पहुंचने की काफी संभावनाएं रहती हैं। जबकि, उन्होंने भोजन में 30 फीसद कुट्टू का आटा चूहों को दिया जिससे चूहों का स्वास्थ में स्थिरता बनी रही। उसी के साथ उनके शरीर में पॉलीफैनॉल, विटामिन, खनिज व उच्च कोटि के एमिनो एसिड से भरपूर सटुईन-1 प्रोटीन में भी काफी वृद्धि दर्ज की गई। शोध में यह पाया गया कि कुट्टू का आटा आयु को बढ़ाता है। इसी के साथ हृदय व मस्तिष्क के न्यूरांस के लिए लाभदायक होने के साथ ही वह बुढ़ापे से संबंधित बीमारियों को कम करने में मदद करता है।