उत्तराखंड देहरादूनUttarakhand government is preparing to bring ordinance

उत्तराखंड: बड़ा अध्यादेश लाने की तैयारी में सरकार, हो रही है तैयारी

कांग्रेस का आरोप है कि विधायकों की वेतन कटौती में एकरूपता नहीं है। बीजेपी विधायकों के वेतन में कम कटौती की जा रही है। विवाद को शांत करने के लिए राज्य सरकार अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है।

Uttarakhand Government: Uttarakhand government is preparing to bring ordinance
Image: Uttarakhand government is preparing to bring ordinance (Source: Social Media)

देहरादून: कोरोना संकट से जूझ रहे उत्तराखंड में विधायकों की वेतन कटौती पर लगातार विवाद हो रहा है। कांग्रेस का आरोप है कि वेतन कटौती में एकरूपता नहीं है। बीजेपी विधायकों के वेतन में कम कटौती की जा रही है। कुछ विधायकों का मूल वेतन काटा जा रहा है तो वहीं कुछ विधायक ऐसे भी हैं, जो कि मूल वेतन का सिर्फ 30 प्रतिशत हिस्सा कटा रहे हैं। कांग्रेस विधायक इसे लेकर लगातार नाराजगी जता रहे हैं। अब राज्य सरकार वेतन कटौती पर हो रहे विवाद को शांत करने के लिए अध्यादेश लाने की तैयारी कर रही है। संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने बुधवार को अध्यादेश से वेतन कटौती विवाद का इलाज करने के संकेत दिए। कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के कारण आम लोगों के साथ-साथ सरकार के सामने भी कई तरह की चुनौतियां हैं। आगे पढ़िए

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - देहरादून में मासूम बच्ची पर आवारा कुत्तों ने किया हमला, बुरी तरह लहुलुहान ..हालत गंभीर
खराब वित्तीय स्थिति के चलते प्रदेश सरकार ने विधायकों के वेतन में 30 प्रतिशत की कटौती का फैसला किया था। इसे लेकर कांग्रेस विधायक क्या कह रहे हैं, ये भी जान लें। कांग्रेस विधायकों का आरोप है कि कोविड फंड के नाम पर बीजेपी सरकार ने वेतन कटौती का निर्णय लिया। लेकिन बीजेपी के अपने विधायकों ने कैबिनेट के फैसले के अनुरूप वेतन कटौती नहीं कराई। वेतन कटौती में एकरूपता ना होने का खुलासा कैसे हुआ, ये भी बताते हैं। दरअसल कांग्रेस विधायक मनोज रावत ने एक आरटीआई के जरिए इसका खुलासा किया। इस वक्त प्रदेश में 4 तरह से 30 प्रतिशत वेतन की कटौती हो रही है। कुछ विधायक कैबिनेट के फैसले के अनुरूप वेतन, सचिवीय, विस भत्ता कटा रहे हैं। वहीं कुछ विधायकों ने मूल वेतन काटने को कहा है। आगे पढ़िए

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: प्रशासनिक स्तर पर फिर हुआ बड़ा बदलाव, 18 IAS समेत 19 अफसरों के तबादले
कुछ विधायक वेतन और सचिवीय भत्ता कटा रहे हैं। कई विधायक ऐसे भी हैं जो मूल वेतन का 30 प्रतिशत कटा रहे हैं। विधायकों की वेतन कटौती में एकरूपता न होने की वजह से पैदा हुआ विवाद तूल पकड़ता जा रहा है। अब इस विवाद के समाधान के लिए राज्य सरकार के पास चार विकल्प हैं। राज्य सरकार विवाद निपटारे के लिए यूपी की तरह अध्यादेश ला सकती है। संसदीय कार्यमंत्री चीफ व्हिप होने के नाते अपील कर सकते हैं। राजनीतिक दल अपने स्तर पर फैसला ले सकते हैं, या फिर विधायक मंडल दल की बैठक में एक समान कटौती का फैसला हो सकता। फिलहाल जिस तरह के संकेत मिल रहे हैं उसे देख लगता है कि राज्य सरकार विवाद को शांत करने के लिए अध्यादेश लाने की तैयारी में है। संसदीय कार्यमंत्री मदन कौशिक ने देहरादून में एक बयान में कहा कि वेतन कटौती विवाद को शांत करने के लिए जरूरत पड़ेगी तो हम अध्यादेश भी लेकर आएंगे।