उत्तराखंड देहरादूनCM Trivendra will meet every department

उत्तराखंड में फाइलों की सुस्त रफ्तार, अब हर विभाग के सचिव से खुद हिसाब लेंगे CM

लोनिवि अनुभाग में फाइल डंप करने का मामला सामने आने के बाद राज्य सचिवालय के कई अनुभाग मुख्यमंत्री की नजर में चढ़े हुए हैं। अब सीएम शासन के सभी सचिवों से उनके अनुभागों की फाइलों का हिसाब खुद लेंगे। आगे पढ़िए पूरी खबर

Government of Uttarakhand: CM Trivendra will meet every department
Image: CM Trivendra will meet every department (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड में फाइलों पर कार्यवाही की सुस्त रफ्तार पर मुख्यमंत्री सख्त एक्शन लेने वाले हैं। राज्य सचिवालय का हाल किसी से छिपा नहीं है। मुख्यमंत्री के अनुमोदन वाली फाइलें तक कई-कई महीने तक लंबित रहती हैं। ऐसे अनुभाग मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की नजर में चढ़े हुए हैं। सीएम इनसे नाराज हैं। अब मुख्यमंत्री शासन के सभी सचिवों से उनके विभागों से जुड़े अनुभागों की फाइलों का हिसाब लेने जा रहे हैं। सीएम के सख्त रवैये से सचिवालय में भीतरखाने हड़कंप मचा है। सीएम ने कहा कि जांच के दौरान जिन अनुभागों में फाइलों पर कार्यवाही का रिकॉर्ड खराब मिलेगा, उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा। ऐसे अनुभाग के अधिकारी-कर्मचारियों का बदला जाना तय है। फाइलों पर कार्यवाही की सुस्त रफ्तार वाले अनुभागों के खिलाफ कार्यवाही शुरू हो गई है। आगे पढ़िए

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - गढ़वाल: कार पर गिरा विशालकाय पत्थर, अधिशासी अधिकारी की दर्दनाक मौत
पिछले दिनों सचिवालय में फाइल दबाने के मामले में लोनिवि अनुभाग के पूरे स्टाफ को हटा दिया था। इस कार्यवाही के जरिए सीएम ने लापरवाह अधिकारियों को जल्द सुधर जाने का अल्टीमेटम भी दिया। चलिए आपको पूरा मामला बताते हैं। दरअसल सवा साल पहले सीएम ने लोक निर्माण विभाग के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता गोकर्ण पांगती समेत दो इंजीनियरों को लापरवाही बरतने पर एडवर्स एंट्री देने की मंजूरी दी थी। इस फाइल पर मुख्यमंत्री का अनुमोदन था। उन्होंने उसी दिन फाइल अनुभाग को भेज दी थी। कायदे से इस फाइल पर अधिकतम एक हफ्ते में अमल हो जाना चाहिए था। लेकिन इस फाइल को अनुभाग ने जुलाई में प्रस्तुत किया। यानी फाइल 14 महीने बाद पेश की गई। इस मामले ने सचिवालय में कामकाज और फाइलों की मूवमेंट की हकीकत सामने ला दी।

ये भी पढ़ें:

यह भी पढ़ें - उत्तराखंड: हाई सिक्योरिटी सेंट्रल जेल के बाथरूम में कैदी ने लगाई फांसी..मचा हड़कंप
ये मामला संज्ञान में आने के बाद फाइलों पर होने वाली कार्यवाही की स्थिति जांचने की जिम्मेदारी मुख्यमंत्री ने स्वयं उठा ली है। उन्होंने सभी सचिवों की बैठक बुलाई है। जिसमें सचिवों से उनके विभागीय अनुभागों में लंबित फाइलों की जानकारी ली जाएगी। जिन अनुभागों में फाइलें एक महीने से ज्यादा समय से लटकी होंगी, उनसे इसकी वजह पूछी जाएगी। वजह वाजिब हुई तो मामले में नरमी बरती जाएगी। जिन अनुभागों में फाइलों का रिकॉर्ड खराब होगा, वहां के स्टाफ के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा। ऐसे अनुभागों के पूरे स्टाफ को बदला जा सकता है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जिन अनुभागों में बिना किसी वजह के फाइलों को लंबे समय तक अटकाने के मामले मिलेंगे, उनके खिलाफ निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी। सचिवालय में फाइलों को लेकर मैंने सभी सचिवों की बैठक बुलाई है। जिसमें उनके अनुभागों की फाइलों के बारे में जानकारी ली जाएगी।