उत्तराखंड रुद्रप्रयागKulvir Singh Dhirwan and Sagar Singh Rauthan of Rudraprayag saved many lives

रुद्रप्रयाग जिले के दो जांबाज..गांव में बादल फटा, दोनों ने बचाई करीब 50 लोगों की जान

वास्तव में ये दोनों ही नौजवान तारीफ के काबिल हैं। लोगों की जिंदगी बचाने के लिए अपनी जान दांव पर लगा देने वाले इन जांबाजों को हमारा सलाम।

Rudraprayag News: Kulvir Singh Dhirwan and Sagar Singh Rauthan of Rudraprayag saved many lives
Image: Kulvir Singh Dhirwan and Sagar Singh Rauthan of Rudraprayag saved many lives (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: जांबाज...यानी जान की बाजी लगा देने वाला। दूसरों की जिंदगी बचाने के लिए अपनी जान को दांव पर लगा देना असली जांबाज की पहचान है। हमें गर्व है कि पहाड़ में भी ऐसे सपूत हैं, जिनके लिए मानव जीवन की रक्षा पहला कर्तव्य है। आज जिन दो नौजवानों की कहानी हम आपको बता रहे हैं। ये हैं कुलवीर और सागर...दोनों ही रुद्रप्रयाग जिले के सिरवाड़ी गांव के रहने वाले हैं। आज इन दोनों का नाम हर किसी की जुबां पर है और ऐसा इसलिए क्योंकि अगर ये दो हीरो वक्त रहते सही कदम नहीं उठाते तो कई लोगों की जान जोखिम में पड़ सकती थी। तहसील जखोली की ग्राम पंचायत सिरवाड़ी (बांगर) में बादल फटने से भारी तबाही मच गई। इस दौरान कुलवीर सिंह धिरवाण और सागर सिंह रौथाण ने अपनी जान जोखिम में डालकर कई छोटे बच्चों के साथ ही ग्रामीणों की जान बचाई। आगे पढ़िए

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कुलवीर और सागर ने रात के अंधेरे में भारी बारिश के बावजूद ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया। अगर दोनों युवा समय पर नहीं पहुंचते तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी। इस बीच इन जांबाजों को जीवन रक्षक पदक देने की भी मांग उठ रही है। जन अधिकार मंच रुद्रप्रयाग ने इन दोनों युवाओं को सर्वोत्तम जीवन रक्षक पदक देने की मांग की है। घटनाक्रम के मुताबिक बांगर क्षेत्र में रविवार रात दस बजे तेज बारिश शुरू हो गई थी। लगातार बारिश होने और बादलों की तेज गर्जना से ग्रामीण दहशत में आ गए। इस बीच बारिश का पानी गदेरे का रूप लेने लगा। इससे पहले कि गाड़-गदेरे उफान पर आते युवा कुलवीर धिरवान और सागर रौथाण ने अपनी जान जोखिम में डालकर बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया। इन दोनों युवाओं ने लगभग पचास लोगों की जान बचाई। आगे पढ़िए

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इन लोगों के सुरक्षित स्थान पर पहुँचने के चंद मिनट बाद इन सभी के आवासीय मकान मलबे में दब गए थे। अगर कुलवीर और सागर इन सभी लोगों को सुरक्षित स्थान पर नहीं पहुँचाते तो बहुत बड़ी जनहानि हो सकती थी। कुलवीर और सागर ने बताया कि भारी बारिश के कारण मलबा तेजी से नीचे की ओर आ रहा था। इसी बीच सबसे पहले उन घरों को खाली करवाया गया, जहां बच्चे, महिलाएं और बूढ़े लोग रह रहे थे। एक समय तो ऐसा लगा कि हम नहीं बच पायेंगे। लेकिन भगवान की कृपा से हम सभी सकुशल हैं। इन दोनों युवाओं ने अपनी जान दांव पर लगाकर कई लोगों को मौत के मुंह से बाहर निकाला। पूरे क्षेत्र में इन जांबाजों की दिलेरी के चर्चे हैं। हर कोई इनके साहस की तारीफ कर रहा है। जन अधिकार मंच के अध्यक्ष मोहित डिमरी ने कुलवीर और सागर को सर्वोत्तम जीवन रक्षक पदक देने की मांग की है। उन्होंने जिलाधिकारी से इन दोनों जांबाजों को सर्वोत्तम जीवन रक्षक पदक देने का प्रस्ताव शासन को भेजने हेतु सिफारिश की है। सिरवाड़ी के ग्राम प्रधान नरेंद्र सिंह रौथाण ने कहा कि रात के अंधेरे में दोनों युवाओं ने समय रहते कई लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुँचाया। गांव के सभी लोग इन दोनों युवाओं के आजीवन आभारी रहेंगे। वास्तव में ये दोनों ही नौजवान तारीफ के काबिल हैं। लोगों की जिंदगी बचाने के लिए अपनी जान दांव पर लगा देने वाले इन जांबाजों को हमारा सलाम।